बोले, नए मुख्यमंत्री का फैसला दो-तीन दिन में, कहा-चुनाव होने तक मैं कुर्सी पर नहीं बैठूंगा
नई दिल्ली 15 सितंबर। आखिरकार देश की राजनीति में चला आ रहा सबसे बड़ा सस्पेंस खत्म हो गया। दो दिन पहले जमानत पर जेल से बाहर आए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बड़ा ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि वह दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं।
काबिलेजिक्र है कि केजरीवाल ने आज आम आदमी पार्टी के हैडक्वार्टर पर वर्कर मीटिंग बुलाई थी। यहां उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मुझ पर बेईमानी, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। अब जनता की अदालत में मेरी ईमानदारी का फैसला होगा। दो-तीन दिन में विधायकों की बैठक में दिल्ली का नया सीएम चुना जाएगा। साथ ही कहा कि चुनाव होने तक मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।
इस दौरान आप सुप्रीमो केजरीवाल ने यह भी कहा कि मनीष सिसोदिया पर भी वही आरोप हैं, जो मुझ पर हैं। उनका भी यही सोचना है कि वह भी अपने पद पर नहीं रहेंगे, चुनाव जीतने के बाद ही पद संभालेंगे। केजरीवाल ने अपने संबोधन कुछ संदेश भी दिए। वह बाकायदा शहीदे आजम भगत सिंह की किताब लेकर पहुंचे। उन्होंने जेल में लिखी भगत सिंह की डायरी दिखाते कहा कि भगत सिंह के खत अंग्रेज बाहर ले जाते थे। मैं जेल में था, मेरी चिट्ठी एलजी तक नहीं पहुंचाई गई। मुझे धमकाया गया कि दोबारा ऐसा ना करुं।
फिर केजरीवाल ने कहा कि भगत सिंह के बाद, 90-95 साल बाद आजाद भारत में एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया। पंद्रह अगस्त से 3 दिन पहले एलजी से कहा था कि मेरी जगह आतिशी को तिरंगा फहराने दिया जाए। चिट्ठी एलजी तक नहीं गई। उन्होंने कहा कि जब 14 साल के बाद भगवान राम वनवास से लौटे तो माता सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। आज मैं अग्निपरीक्षा दूंगा। केजरीवाल ने कहा कि मैं सभी नॉन भाजपा सीएम से प्रार्थना करता हूं। अगर पीएम जेल भेजें तो इस्तीफा मत देना। हम सबको मिलकर लड़ना है। बहुमत से सरकार आई और मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दे। इनका फॉर्मूला आम आदमी पार्टी ने फेल कर दिया।
आप सुप्रीमो ने कहा कि फरवरी में चुनाव हैं, मैं मांग करता हूं कि चुनाव नवंबर में कराए जाएं। महाराष्ट्र के साथ चुनाव हों। आपका फैसला आने तक मैं जिम्मेदारी नहीं संभालूंगा। आम आदमी पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री बनेगा। यहां गौरतलब है कि दिल्ली में फरवरी 2025 में केजरीवाल सरकार का कार्यकाल खत्म होने वाला है। केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी 2013 से दिल्ली की सत्ता में हैं।