सीएम रहते खट्टर लेकर आए थे गुप्ता को भाजपा में
करनाल 14 सितंबर। हरियाणा में चुनाव नजदीक आने के साथ तेजी से सियासी उलटफेर हो रहे हैं। राज्य के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश गुप्ता ने भाजपा से नाता तोड़ लिया। वह करनाल विधानसभा हल्के से टिकट मांग रहे थे। जबकि बीजेपी ने इस सीट पर जगमोहन आनंद को टिकट थमा दिया।
बताते हैं कि सूबे के पूर्व मंत्री गुप्ता अपना टिकट कटने से नाराज चल रहे थे। वह 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर उनको बीजेपी ज्वाइन कराने आए थे। जबकि लोकसभा चुनाव में मौजूदा सीएम नायब सैनी ने उनके घर आकर समर्थन मांगा था।
अब गुप्ता ने कहा कि मैंने बड़ी आशा से और साथियों के दबाव में आकर बीजेपी जॉइन की थी। ताकि हम जनता के दुख दर्द बांट उनकी सेवा करते रहे। जबकि बीजेपी में मेरी उम्मीद पूरी नहीं हुई, जिस वजह से मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। जिस परिवार में किसी की सुनी नहीं जाती, जो परिवा रक्षा नहीं कर सकता, मैं उस परिवार में नहीं रह सकता हूं। मैं उस परिवार की बुराई भी नहीं करूंगा, जिस परिवार या पार्टी में रहा हूं। मैं जनता के बीच जाऊंगा और उसका ही फैसला मानूंगा।
बुजुर्ग नेता गुप्ता ने 7 बार लडे चुनाव, दो बार जीते। उन्होंने 3 बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा, जिसमें से वे एक चुनाव जीते। तीन बार आजाद चुनाव लड़े, इसमें से वे एक चुनाव जीते। एक चुनाव उन्होंने हजकां की टिकट पर भी लड़ा था और हार गए थे। गुप्ता ने 1987 में कांग्रेस की टिकट पर करनाल से इलेक्शन लड़ा था, हार गए थे। इस बार उम्मीद थी कि बीजेपी से गुप्ता को टिकट मिलेगा, लेकिन उनका टिकट काट दिया गया। जिससे नाराज होकर उन्होंने बीजेपी को अब अलविदा कह दिया और अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है। गौरतलब है कि अब गुप्ता बीजेपी से अलग हो चुके हैं और वह किसका समर्थन करते हैं। उससे बीजेपी के प्रत्याशी के लिए चुनावी राह की मुश्किलें बढ़ सकती है।
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