लुधियाना 12 सितंबर। श्री आत्मानंद जैन सभा लुधियाना के जैन उपाश्रय व श्री आत्मानंद जैन महासमिति के संयोजन में श्री आत्म वल्लभ जैन उपाश्रय में चातुर्मास हेतु विराजमान श्रीमद् आत्म वल्लभ समुद्र इंद्र सुरीश्वर जी महाराज के क्रमिक पट्टधर गच्छाधिपति शांतिदूत जैनार्चाय श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरी जी महाराज की आज्ञानुवर्ती शांत स्वभावी विदुषी साध्वी संपत श्री जी महाराज की सुशिष्या सरल स्वभावी साध्वी चंद्रयशा श्री जी महाराज व प्रवचन निपुण साध्वी श्री पुनीतयशा श्रीजी महाराज की पावन मिश्रा में वीरवार को सत्संग किया। इस दौरान साध्वी श्री पुनीतयशा श्रीजी महाराज ने कहा कि सुसंस्कार और कुसंस्कार पूर्व जन्मों से और इस जन्म से भी मिलते हैं। सुख और दुख हमारे मन के कारण है। हमारे शुभ विचारों से हमें सुख मिलता है। इस अवसर पर श्री आत्मानंद जैन सभा के कार्यकारी अध्यक्ष गुलशन जैन गिरनार ने कहा कि समाज के लोग भारी संख्या में कार्यक्रम में हिस्सा लेकर महाराज के प्रवचन सुन रहे हैं।
