अमृतसर 11 सितंबर। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के बयान के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने मोर्चा खोल दिया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी को उनके बयान पर ऐतराज है। उन्होंने अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से बयान का संज्ञान लेने और उन पर कार्रवाई करने की मांग की है। जबकि लालपुरा का कहना है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। एसजीपीसी प्रधान का कहना है कि हाल ही में दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान लालपुरा ने सिख आस्था के सिद्धांतों और पवित्र गुरबानी की विचारधारा के खिलाफ मनगढ़ंत बयानबाजी की है। जिससे सिख समुदाय की विशिष्टता और उसकी मौलिकता को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि लालपुरा ने श्री गुरु नानक देव को विष्णु का अवतार बताया है, जो आरएसएस और भाजपा के शीर्ष नेताओं को खुश करने के लिए उनकी शरारती हरकत है। एडवोकेट धामी ने कहा कि लालपुरा की इस तरह की बयानबाजी गुरुओं और सिख समुदाय की विचारधारा का घोर अपमान है। जिसके लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
सिख धर्म में अवतार का नहीं कोई स्थान
धामी ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पवित्र गुरबानी केवल एक अकाल पुरख से जोड़ती है और सिख धर्म में अवतार का कोई स्थान नहीं है। लालपुरा द्वारा सिख गुरुओं को हिंदू देवी-देवताओं के साथ जोड़ना आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाने का ही हिस्सा है। धामी ने कहा कि यह सिख समुदाय के लिए बड़ी चिंता का विषय है। जिसमें श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी कोई सिख विरोधी कार्रवाई न हो।