पंजाब 7 सितंबर। पुलिस कस्टडी में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो बार हुए टीवी इंटरव्यू के मामले में अब तक किसी पुलिसकर्मी या अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। 8 महीने बीत जाने के बावजूद जांच अधूरी होने पर कोर्ट ने पुलिस और सरकार की खिंचाई की है। शुक्रवार को पंजाब के मुख्य सचिव कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। कोर्ट ने उनसे पूछा कि पुलिसकर्मियों पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है। मुख्य सचिव ने बताया कि पंजाब मानवाधिकार विंग के प्रमुख, पुलिस महानिदेशक प्रबोध कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था, लेकिन जांच अभी पूरी नहीं हुई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि 8 महीने बीत चुके हैं, फिर भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जांच की स्टेटस रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो चुका है कि पहला इंटरव्यू खरड़ सीआईए ब्रांच में कस्टडी के दौरान किया गया था। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई अब तक हो जानी चाहिए थी।
जांच की स्थिति
याचिकाकर्ता के वकील गौरव ने कोर्ट को बताया कि एसआईटी को 10 अक्टूबर तक की मोहलत दी गई है। इसके बाद, जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। गौरव ने यह भी बताया कि लॉरेंस बिश्नोई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें हाईकोर्ट की एसआईटी को भंग करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। इसी तरह, इंटरव्यू करने वाले पत्रकार द्वारा दायर याचिका, जिसमें हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी, उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया। हालांकि, पत्रकार को इस मामले में राहत दी गई है कि उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।