हरियाना/यूटर्न/7 सितंबर: कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 31 उंमीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। कांग्रेस ने बीजेपी के बगावत जैसे हालात से बचने के लिए सेफ गेम खेला है। इसके लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी 4 बैठक हुईं। वहीं 3 मीटिंग केंद्रीय चुनाव समिति की भी हुईं। हालांकि इससे पहले यह दावा किया जा रहा था कि कांग्रेस 55 उंमीदवारों के नामों का ऐलान कर सकती हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि कांग्रेस ने जंबो लिस्ट की बजाय 31 उंमीदवारों की लिस्ट ही क्यों जारी की?
कांग्रेस की पहली लिस्ट में 28 नाम तो वे ही हैं जो पहले विधायक थे। इनके टिकट पहले से तय थे, इनकी सीटों पर कोई दूसरा बड़ा दावेदार भी नहीं था। पार्टी ने सिर्फ 3 सीटों पर चेहरे बदले हैं। कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व ने इस लिस्ट के जरिए सभी गुटों को साधने की कोशिश की। कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के 24 और कुमारी शैलजा के चारों विधायकों को टिकट दी हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादवके बेटे चिरंजीव राव को भी टिकट दी है। पार्टी ने नूंह हिंसा केस में फंसे चारों विधायकों और दूसरे दलों से आए 2 नेताओं को भी टिकट दी हैं।
जाटों की बीजेपी से नाराजगी भुनाने की कोशिश
कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 9 टिकट जाट समुदाय से आने वाले नेताओं को दी है। कांग्रेस ने गढ़ी-सांपला किलोई से भूपेंद्र हुड्डा, जुलाना से विनेश फोगाट और गोहाना से जगबीर मलिक को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में 9 जाटों को टिकट देकर इस वर्ग की भाजपा के प्रति नाराजगी को पूरी तरह भुनाने की कोशिश की है।
दलित-ओबीसी को भी साधा
कांग्रेस ने 9 टिकट एससी समुदाय को दी। होडल से चुनाव हार चुके प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को फिर से प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने एससी रिजर्व सीटें सिरसा और अंबाला में जीत दर्ज की थी। बता दें कि प्रदेश की 90 में से 17 सीटें एससी के लिए रिजर्व है। इसके अलावा पार्टी ने 4 ओबीसी चेहरों पर भी दांव खेला है। कांग्रेस ने रेवाड़ी से चिरंजीव राव, रादौर से बिशन लाल सैनी, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और सोनीपत से सुरेंद्र पंवार को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने पहली लिस्ट में ओबीसी और दलितों को टिकट देकर बीजेपी की नॉन जाट पॉलिटिक्स रणनीति की हवा निकालने की कोशिश की है।
पहली लिस्ट में 3 मुस्लिमों पर खेला दांव
इसके साथ ही कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 3 मुस्लिम चेहरों पर भी दांव चला है। फिरोजपुर झिरका से मामन खान, पुन्हाना से मोहंमद इलियास और नूंह से आफताब अहमद शामिल हैं। जबकि बीजेपी की 67 उंमीदवारों की लिस्ट में एक भी मुस्लिम नहीं हैं। इसके अलावा पार्टी ने पंजाबी, सिख और ब्राह्मण चेहरों को भी पहली लिस्ट में तवज्जो दी है।
बृजभूषण शरण सिंह का बड़ा बयान
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के पूर्व बाहुबली सांसद और पूर्व डबलयूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने पर बयान देते हुए कहा कि मैं पहले ही कह रहा था कि यह राजनीति से प्रेरित है। महिला खिलाडिय़ों का अपमान मैंने नहीं, कांग्रेस ने और दीपेंद्र हुड्डा ने किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस जैसी पार्टी अब लड़कियों का सहारा लेकर राजनीति कर रही हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा हाई है। भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने शुक्रवार को कांग्रेस जॉइन कर ली। कांग्रेस ने देर रात 31 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की और विनेश फोगाट को जुलाना सीट से टिकट दिया। वहीं, पार्टी ने बजरंग पूनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। इस बीच डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कांग्रेस में शामिल दोनों पहलवानों को लेकर बड़ा बयान दिया।
बृजभूषण शरण सिंह ने क्या दिया बयान?
बृजभूषण शरण सिंह ने रेसलर विनेश फोगट और बजरंग पूनिया के राजनीति में आने को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि अगर वे हरियाणा में चुनाव लड़ते हैं तो कोई भी भाजपा उंमीदवार उन्हें हरा देगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी अनुमति देगी तो वह आगामी विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार करेंगे। पूर्व सांसद ने गोंडा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इन पहलवानों ने स्पोर्ट्स में नाम कमाया और फेमस रेसलर बन गए। अब कांग्रेस में शामिल होने के बाद विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का नामोनिशान मिट जाएगा।
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