अखाड़े के ग्रामीण सड़क पर उतरे
हमारी लाशें गुजरने के बाद बनेगी कैंसर गैस फैक्ट्री:-ग्रामीण
10 सितंबर के दिल्ली रोड जाम के लिए पूरे गांव में जाम लगाया जाएगा
जगराओ, यूटर्न, 5 सितंबर (चरणजीत सिंह चन्न):-आज गांव अखाड़ा में कैंसर विरोधी गैस फैक्ट्री संघर्ष कमेटी के नेतृत्व में पूरा गांव एक बार फिर गांव में स्थित वारियो गैस फैक्ट्री को स्थाई तौर पर बंद कराने के लिए सड़कों पर उतर आया। गांव के मुख्य गुट और पूरे गांव के लोगों को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के नेताओं ने ऐलान किया कि पंजाब सरकार इन फैक्ट्रियों को चालू करने के लिए जोर-जबरदस्ती करने जा रही है। इसके लिए पंजाब सरकार के वकील ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में यह भी कहा है कि सरकार इन बायोगैस फैक्ट्रियों को चलाना चाहती है जिसके लिए पुलिस बल की जरूरत है। संघर्ष समिति ने एलान किया कि किसी भी हालत में दबंगई के बल पर इस फैक्ट्री को अखारा गांव में नहीं बनने दिया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि उनके शवों के बाद यह कैंसर फैक्ट्री बनाई जा सकती है लेकिन जब तक गांव का एक भी निवासी जीवित है यह फैक्ट्री नहीं बनने दी जाएगी। इस समय बोलते हुए संघर्ष समिति के नेता अध्यक्ष गुरतेज सिंह अखाड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार के मुख्य सचिव के साथ हुई दो बैठकों में संयुक्त समन्वय समिति ने तथ्यों और तर्कों से साबित कर दिया है कि ये ग्रीन इको फैक्ट्रियां कैंसर नहीं हैं कारखाने हैं। बहस में हारने के बाद अगर पंजाब सरकार बिना सोचे-समझे लगाई जा रही इन फैक्ट्रियों को जोर-जबरदस्ती के सहारे स्थापित करेगी तो भगवंत मान सरकार को इसकी भारी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ेगी। इस समय बोलते हुए भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के जिला अध्यक्ष जगतार सिंह देहडका, जिला सचिव इंद्रजीत सिंह धालीवाल ने कहा कि वे गैस फैक्ट्रियों को स्थायी रूप से बंद करने और लाइसेंस रद्द करने के लिए 10 सितंबर को दिल्ली रोड को अवरुद्ध करेंगे और अखाड़ा गांव के बच्चे बीजा में चाका जाम कार्रवाई में शामिल होंगे। इस समय बोलते हुए सुखजीत सिंह, हरदेव सिंह अखाड़ा, जगदेव सिंह अखाड़ा, दर्शन सिंह अखाड़ा, नानू गिल आदि नेताओं ने कहा कि अखाड़ा गांव ने एक जून को लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर यह साबित कर दिया है कि अगर सरकार सत्ता के खिलाफ जायेगी तो इसलिए लोगों को सरकार के सख्त कानूनों की परवाह नहीं है। जनशक्ति से बड़ी दुनिया में कोई शक्ति नहीं है। 10 सितंबर को पूरे पंजाब से हजारों लोग संघर्ष मोर्चा और किसान मजदूर संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों को जाम कर देंगे और सरकार को सकते में डाल देंगे। इस दौरान गांव में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ।