यह दुर्लभ जन्मजात विकार, जो 10-20 हजार लोगों में किसी एक को ही प्रभावित करता है
लुधियाना 2 सितंबर। महानगर के मोहनदाई ओसवाल अस्पताल एक दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। डॉ. रणबीर सिंह ने लुधियाना की रहने वाली 26 वर्षीय महिला की यह सर्जरी की गई।
जानकारी के मुताबिक महिला बदहजमी, गैस और पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की शिकायत से हॉस्पिटल पहुंची। महिला की पित्ताशय की थैली सामान्य दाहिनी ओर के बजाए असामान्य रूप से बाईं ओर स्थित थी। लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया के दौरान बाईं ओर कई पथरी के साथ सूजन वाले पित्ताशय का पता चला। जबकि अन्य अंग अपनी सामान्य शारीरिक स्थिति में बने रहे। इस स्थिति को ‘सिटस इनवर्सस पार्शियलिस’ के नाम से जाना जाता है। यह दुर्लभ जन्मजात विकार है जो 10-20 हजार लोगों में किसी एक को प्रभावित करता है। आज तक, इस स्थिति के लिए विश्व स्तर पर केवल 60-70 लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी रिपोर्ट की गई हैं।
लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि उनके एक दशक लंबे करियर में यह उनका तीसरा मरीज़ था। शरीर में अंगों के उलटे स्थान के कारण, उपकरण का उपयोग करना और हाथ-आंख का समन्वय बनाए रखना मुश्किल था।
डॉ. सौरभ केसरवानी, डॉ. चित्रा कुमारी, डॉ. भूपिंदर सिंह और एनेस्थीसिया टीम के सहयोग एवम् संशोधित फ्रांसीसी तकनीक और समायोजित पोर्ट पोजीशन का उपयोग करके लगभग 50 मिनट में डॉ. रणबीर दवारा सर्जरी की गई। मोहनदाई ओसवाल अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. शैली ने डॉ. रणबीर सिंह और टीम को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी।
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