चरणजीत सिंह चन्न
जगराओं 1 सितंबर :-पांच माह से जगराओं के अखाड़ा, भूंदड़ी, मुश्काबाद, घुंघराली राजपूतों और जालंधर जिले के भोगपुर, कंधोला, बिंजो आदि गांवों में निर्माणाधीन और चल रही कैंसर पैदा करने वाली बायोगैस फैक्ट्रियों को स्थाई तौर पर बंद कराने का संघर्ष चरम पर पहुंच रहा है 10 सितंबर को लुधियाना जिले में चार अलग-अलग स्थानों पर चल रहे विरोध मार्च की समन्वय समिति द्वारा कोमी मेन रोड, दिल्ली रोड पर सरकार के संघर्ष विरोधी रवैये के खिलाफ दो घंटे के लिए जाम किया जा रहा है। समन्वय समिति के संयोजक सुखदेव सिंह भुंदरी के नेतृत्व में आज यहां हुई बैठक के दौरान चका जाम कार्रवाई की तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक की कार्यवाही प्रेस को जारी करते हुए समिति के नेता कंवलजीत खन्ना ने कहा कि बैठक में ऐसी कैंसर फैक्ट्रियों को बंद करने के लिए कानूनी उपाय के बिंदुओं पर चर्चा की गई। वहां इस चक्का जाम विरोध कार्रवाई को सफल बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों/गांवों में एक सप्ताह तक जन जागरण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक में मौजूद भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और भारतीय कसान यूनियन एकता डकौंदा और अन्य किसान संगठनों के नेताओं ने इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में भाग लेने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि 10 सितंबर को बीजा (खन्ना) में हजारों महिला-पुरुषों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्य सचिव वीके सिंह के साथ दो बैठकें होनी चाहिए, बैठकों में कमेटी तथ्यों और तर्कों के साथ साबित करे कि ग्रीन एनर्जी की आड़ में लगाई जा रही ये बायोगैस फैक्ट्रियां असल में कैंसर की फैक्ट्रियां हैं। दूसरी बैठक में मुख्य सचिव बिना कोई आश्वासन या तर्क दिये बैठक से बाहर चले गये। भगवंत मान पंजाब सरकार के इस शर्मनाक व्यवहार के खिलाफ “क्रांतिकारी सरकार” होने के जुमले उछालते हैं, सरकार को यह बताने के लिए कि आप लोगों से ऊपर नहीं हैं, लोगों की ताकत का जलवा दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी गांवों के लोगों ने 1 जुलाई को डीसी लुधियाना का घेराव किया, 1 जून को लोकसभा चुनाव का पूर्ण बहिष्कार किया, धरने के माध्यम से एसडीएम से मुलाकात की, विधायकों को मांग पत्र देकर गरीबी और कैंसर को स्थाई करने की मांग की है आबादी वाले इलाकों में बिना पंचायत और ग्राम सभा की मंजूरी के ऐसी फैक्ट्रियां लगाने पर रोक लगाएं, जो तमाम नियमों की अनदेखी कर लगाई जा रही हैं। अब तंग आकर तालमेल कमेटी ने चक्का जाम कर पंजाब सरकार को ठप करने का निर्णय लिया है। उन्होंने सभी मजदूर किसान संगठनों को इस कार्रवाई में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
उपरोक्त के अलावा बलविंदर सिंह आओलख, गुरतेज सिंह प्रधान अखाड़ा, सुखदेव सिंह अखाड़ा, बलवंत सिंह घुदानी, गुरप्रीत सिंह गुरी, करमजीत सहोता, हरदीप सिंह, मलविंदर सिंह मुशकाबाद, भिंडर सिंह भुंदरी, चरणजीत सिंह भोगपुर, हरमिंदर सिंह काहलो आदि बैठक में उपस्थित थे।