दुश्मन के दुश्मन को पाक बना रहा दोस्त, भारत की चिंता बढ़ेगी
बांग्लादेश में आई राजनीतिक स्थिरता का असर भारत पर भी पड़ रहा है। हालांकि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बन गई है, लेकिन बांग्लादेश में भारत के खिलाफ सेंटिमेंट बढ़ रहा है। इसका फायदा पाकिस्तान अब खुलकर उठाने लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान अब बांग्लादेश का साथ लेकर भारत को घेरने की कोशिश में लगा है। इसका एक नया उदाहरण आया है। वह साउथ एशिया में अपना दबदबा बनाने के लिए हर कदम उठाने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्तान के अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश ने शुक्रवार को इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
पाकिस्तान सरकार ने इससे पहले 7 अगस्त को एक बयान के जरिए व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच हसीना सरकार के गिरने के बाद बांग्लादेश के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की थी। द डान की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शेख हसीना के 15 साल के शासन में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन हुआ। जिसमें उनके राजनीतिक विरोधियों की सामूहिक हिरासत और न्यायेतर हत्याएं शामिल हैं। उनकी जगह नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने ली, जो एक अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। जो अपेक्षित नए चुनावों से पहले लोकतांत्रिक सुधारों को लागू करने के महत्वपूर्ण कार्य का सामना कर रही है। पिछले हफ़्ते, पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से संपर्क किया और हाल ही में आई बाढ़ के विनाशकारी प्रभावों से निपटने के लिए सहायता की पेशकश की। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मो. यूनुस और प्रधानमंत्री शहबाज के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि क्षेत्रीय सहयोग में वृद्धि दक्षिण एशियाई लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
प्रधानमंत्री शहबाज ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि उन्हें उनकी नई भूमिका के लिए बधाई देते हुए, उनके देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में उनके योगदान की सराहना की। साथ ही बांग्लादेश में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ पर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। उनके कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उन्होंने बांग्लादेश में हाल ही में आई बाढ़ से हुई तबाही पर संवेदना व्यक्त की। पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने वाणिज्यिक संबंधों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने की गहरी इच्छा भी व्यक्त की। मालूम हो शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंध काफी हद तक तनावपूर्ण रहे, जिसकी वजह 1971 के युद्ध से उपजी ऐतिहासिक शिकायतें थीं। इसके अलावा उस अवधि से जुड़े लोगों को उनकी सरकार द्वारा दी गई सज़ाएं लगातार तनाव का कारण रही हैं। ढाका में हुए इस बदलाव को पाकिस्तान के लिए दक्षिण एशियाई देश के साथ फिर से जुड़ने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
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