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पंजाब में गहरा रहा है खाद का संकट, 5.1 लाख मीट्रिक टन डीएपी की शार्टेज से सरकार चिंतित

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दिल्ली जाकर पंजाब के मुख्य सचिव ने केंद्रीय मंत्री नड्‌डा से मुलाकात कर उनको दी रिमाइंडर-रिपोर्ट

चंडीगढ़, 30 अगस्त। पंजाब में डीएपी फर्टिलाइजर का संकट गहराने से सूबे की आप सरकार की चिंता बढ़ गई है। इसी मुद्दे को लेकर सूबे के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा ने शुक्रवार को केंद्रीय खाद मंत्री जेपी नड्‌डा से मुलाकात की।

गेहूं की पैदावार में आएगी गिरावट !

चीफ सेक्रेटरी सिन्हा ने इस बारे में केंद्रीय मंत्री नड्‌डा को अवगत कराया कि अगर समय रहते डीएपी के स्टॉक को पूरा नहीं किया तो पंजाब में गेहूं की पैदावार में भारी गिरावट आ सकती है। जिससे आर्थिक नुकसान होगा। इससे पहले इस मामले में सीएम भगवंत ने भी केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा था। गौरतलब है कि पंजाब में रबी के सीजन में 35 लाख हैक्टेयर पर गेहूं की फसल की बुआई के लिए 5.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी की फर्टिलाइजर की आवश्यकता होती है। एक जुलाई तक सिर्फ 40 हजार मीट्रिक टन डीएपी ही केंद्र द्वारा उपलब्ध कराया गया। जो कि 5.1 लाख मीट्रिक टन कम है। सितंबर के दूसरे चरण में पहले आलू की बुवाई और फिर अक्टूबर में गेहूं की बुवाई के लिए डीएपी की बड़ी डिमांड रहेगी।

एक लाख मीट्रिक टन स्टॉक :

हालांकि पंजाब के खेतीबाड़ी विभाग के मुताबिक राज्य में इस बार 35 लाख हैक्टेयर रकबे पर गेहूं की बिजाई होनी होनी है। ऐसे में और खाद की जरूरत तो है। वैसे विभाग ने एक लाख मीट्रिक टन खाद का स्टॉक कर रखा है। जबकि बाकी कुछ रैक आने वाले दिनों में मिलने की उम्मीद है।

चावल स्टॉक का मुद्दा भी उठाया था :

इससे पहले पंजाब ने एफसीआई के पास चावल की डिलीवरी के लिए कवर स्टोरेज स्पेस की कमी के मुद्दे को उठाया था। इसी मामले में कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने केंद्रीय उपभोक्ता खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी से कुछ दिन पहले मुलाकात की थी। तब मंत्री कटारुचक्क ने कहा था कि राज्य में चावल के भंडारण के लिए जगह की भारी कमी है। पिछले 5 महीनों यानि 24 अप्रैल से राज्य से केवल 3-4 लाख मीट्रिक टन चावल की सीमित आवाजाही के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। ऐसे में विशेष ट्रेन लगवाकर इस बारे में कदम उठाए जाएं।

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