लुधियाना का ऑडिट अफसर होने के बावजूद मोगा के ऑडिट अफसर को कर रहा रिपोर्ट
लुधियाना 29 अगस्त। पंजाब में शायद ही कोई ऐसा सरकारी विभाग होगा, जिसमें घोटाले न होने के मामले सामने आए हो। अब पंजाब सरकार के मुख्य विभागों में से एक पंजाब राज्य सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड (मिल्कफेड) के वेरका में बड़े घोटाले होने का मामला सामने आया है। जहां पर एक ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह पर हेरफेर करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं। चर्चा है कि वेरका के जीएम से ज्यादा उक्त ऑडिट इंस्पेक्टर माना जाता है। जो तैनात तो लुधियाना में है, लेकिन पूरे पंजाब में उसका दबदबा है। हालाकि उक्त ऑडिट इंस्पेक्टर पर करोड़ों रुपए का विभाग को नुकसान पहुंचाने के भी आरोप लगे हैं। हालाकि इसकी शिकायतें भी हुई, लेकिन आज तक उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ। इसी के चलते पिछले 15 सालों से उक्त इंस्पेक्टर लुधियाना में ही एक ही पद पर तैनात है। हालाकि नियमों के मुताबिक एक साल से ज्यादा कोई भी अधिकारी एक पोस्ट पर नहीं रह सकता।
लुधियाना में बैठ रिपोर्ट मोगा अफसर को भेजी जा रही
जानकारी के अनुसार उक्त ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह की और से नियमों के मुताबिक अपनी ऑडिट रिपोर्ट लुधियाना के ऑडिट अफसर को भेजनी होती है। लेकिन यह पंजाब में पहला इंस्पेक्टर है, जो अपनी रिपोर्ट दूसरे जिले यानि कि मोगा के ऑडिट इंस्पेक्टर को भेजता है। इसी सेटिंग से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त इंस्पेक्टर कितना बाहुबली है। यही नहीं इंस्पेक्टर की रिपोर्टिंग के ऑर्डर भी चंडीगढ़ के चीफ ऑडिटर, सहयकारी सभाएं, पंजाब के ज्वाइंट चीफ ऑडिटर द्वारा किए गए हैं। जबकि यह आदेश भी 25 अक्टूबर 2023 में किए गए थे।
लुधियाना से लेकर चंडीगढ़ तक सेटिंग
वहीं चर्चा है कि उक्त अधिकारी की लुधियाना से लेकर चंडीगढ़ तक सेटिंग है। हर अधिकारी के साथ अच्छी सेटिंग के चलते ही उसका न तो आज तक कोई तबादला करवा सका और न ही आज तक उसके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई शुरु हुई। चंडीगढ़ मुख्य ऑफिस के अधिकारियों के साथ सेटिंग होने के चलते ही वहां से ऑर्डर निकलवाकर इंस्पेक्टर जगदीप सिंह द्वारा अपनी रिपोर्टिंग मोगा में करवाई गई है।
पूर्व जीएम देते रहे शिकायतें, नहीं हुआ एक्शन
मिल्क यूनियन के पूर्व जीएम डॉ. सुरजीत सिंह भदौड़ की और से पहले ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह के खिलाफ कई बार लिखित में प्रबंध निर्देशक मिल्कफैड पंजाब को शिकायत भेजी गई थी। लेकिन आज तक एक्शन नहीं लिया गया। पूर्व जीएम भदौड़ ने बकायदा अपनी शिकायत में कहा था कि ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह पिछले 15 सालों से एक पद पर तैनात है, जबकि इतने समय तक तैनाती नहीं हो सकती। वहीं ऐसे अधिकारी से सही व निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती।
बिना किसी परमिशन के हुई करोड़ों की पेमेंट
वहीं मार्च 2024 में डॉ. सुरजीत भदौड़ ने अपनी शिकायत में कहा था कि मिल्क यूनियन के फंडों में से साल 2018 से 2023 के दौरान 40.90 लाख रुपए की इंटरनेट सहुलियत की पेमेंट बिना बोर्ड परमिशन के दे दी गई। लेकिन दूध प्राप्ती व लेखा शाखा द्वारा दूध सभाओं को इस फंड की अवैध तरीके से की पेमेंट पर कोई एतराज नहीं किया गया। इसके अलावा दूध की गुनवता बढ़ाने के लिए 3.65 करोड़ के कंपोनेंट खरीदे गए। जिनका इस्तेमाल न करके डंप कर डाले। लेकिन ऑडिट विभाग ने आपसी मिलीभगत के चलते इस पर कोई ऐतराज भी नहीं किया। इस तरह करके ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही की। इसी के चलते डॉ. सुरजीत भदौड़ द्वारा उक्त अफसर को बदलने की सिफारिश की थी। वहीं इसी के साथ मई 2024 में भी शिकायत की गई। लेकिन फिर भी एक्शन नहीं हुआ। वहीं तीसरी शिकायत जुलाई 2024 में की। फिर भी एक्शन नहीं हुआ।
मैं इस संबंधी कोई बयान नहीं दे सकता
वहीं इस संबंधी ऑडिट इंस्पेक्टर जगदीप सिंह ने कहा कि वह काफी नीचे सत्र के अधिकारी है। वह इस तरह कोई भी बयान नहीं दे सकते, यह नियमों के खिलाफ हैं। चीफ ऑडिट अफसर ही इस मामले में बयान दे सकते हैं। मेरे ऊपर आरोप लगाए गए हैं, उस संबंधी कोर्ट में देखा जाएगा।