‘छोटे-साब’ लुधियाना वैस्ट में ‘बड़ा-खेला’ कर चले गए अब सीबीआई के रडार पर कई क्लर्क और अफसर !

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कई मामलों में ‘गोलमाल’ वाली फाइलें सीबीआई ने खोल दीं तो फंस जाएंगे बड़े-बड़े ‘तीसमार खां’

लुधियाना 27 अगस्त। यहां पिछले सालों में कई मामलों को लेकर लुधियाना वैस्ट सब-डिवीजन के कुछ अधिकारी और क्लर्क चर्चाओं में रहे थे। इनमें सबसे ज्यादा एक क्लर्क चर्चित रहा, जिसे जमीनी दस्तावेजों में ‘खेला’ करने-कराने का माहिर माना जाता था। उससे फाइलें पास कराने वालों ने इस क्लर्क का नाम कोड में ‘छोटे-साब’ लेते थे। चर्चा है कि उसी दौर में जमीनों के दस्तावेजों में हेरफेर और एक्वायर जमीनों के मुआवजे के मामलों की शिकायत सीबीआई तक पहुंच गई है। मुमकिन है कि जल्द ही सीबीआई कुछ अफसरों और क्लर्कों को तलब कर सकती है।

क्लर्क-अफसर के तबादलों से दबे मामले :

प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक पिछले तीन-चार सालों के दौरान जमीनी-मामलों में कई दस्तावेजी गोलमाल किए गए थे। तब एक मामले लुधियाना वैस्ट सब-डिवीजन में ज्यादा हो-हल्ला मचने पर चर्चित क्लर्क ‘छोटे-साब’ का तबादला कर दिया गया था। उसी दौर में ऐसे ही अन्य जमीनी-मामले में एक सीनियर अफसर का भी तबादला किया गया था। खैर, इन तबादलों के चलते ही विवादित मामले तूल पकड़ने की बजाए दब गए थे। हालांकि बीच-बीच में अफवाहें उड़ती रहीं कि गोलमाल वाली पुरानी फाइलें विजिलेंस या सीबीआई खोलने वाली है।

मुंह-मिठाई नहीं, मोटा हिस्सा लेते थे ‘छोटे-साब’

बताते हैं कि बड़े-बड़े अफसरों तक पहुंच होने का दावा करने वाले चर्चित क्लर्क को लोग इसीलिए ‘छोटे-साब’ कहकर बुलाते थे। यह क्लर्क चुटकियों में काम कराने के एवज में पंजाबी-दस्तूर के मुताबिक सिर्फ ‘मुंह-मीठा’ करने यानि छोटा-मोटा ‘इनाम’ लेने का आदी नहीं था। वह बाकायदा केस की पेचीदगी के मुताबिक गोलमाल से होने वाली कमाई में से दस से बीस परसेंट तक हिस्सेदारी मांगता था।

मुआवजे संबंधी शिकायत सीबीआई से की !

चर्चा है कि बीते दिनों सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित जमीनों के कम मुआवजे मिलने पर कुछ लोगों ने सीबीआई से शिकायत कर दी थी। उसके बाद ही लुधियाना वैस्ट सब-डिवीजन को सीबीआई ने रडार पर ले लिया। सूत्रों के मुताबिक चर्चित क्लर्क ‘छोटे-साब’ के तबादले के बाद उसी सीट पर बैठने वाले क्लर्क को पुरानी फाइलों के साथ सीबीआई तलब करने वाली है। अगर उन फाइलों में घपलेबाजी के पुख्ता सबूत नहीं मिले तो कुछ मौजूदा अफसरों को पुराने रिकॉर्ड पेश करने को कहा जा सकता है। ऐसे में पिछले सालों में जिन अफसरों और क्लर्कों के कार्यकाल में गोलमाल हुए होंगे, वे सीबीआई जांच के लपेटे में आ सकते हैं।

तब कई तरह के गोलमाल हुए :

सबसे चर्चित मामला तो संयोग से लुधियाना वैस्ट हल्के से आप के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले नेता अहबाब गरेवाल का है। वह गलत दस्तावेजी सबूत के जरिए जमीन अधिग्रहण मामले में करोड़ों का मुआवजा लेने के मामले में फंसे। इस मामले में भी दस्तावेजी गोलमाल को लेकर लुधियाना वैस्ट के अफसरों-क्लर्कों पर आंच आ सकती है। इसके अलावा शहर के एक चर्चित कोलोनाइजर-राजनेता द्वारा काटी कालोनियां का विवाद भी इसी एरिया से जुड़ा है। जिस पर दस्तावेजों में हेरफेर कर जमीनों का गलत तरीके से मालिकान हक हासिल कर कालोनी काटने के आरोप लगे थे। दूसरी तरफ, लुधियाना से होकर कटड़ा जाने वाले हाइवे के लिए भूमि-अधिग्रहण के मामले भी विवादित रहे हैं। इनमें कुछ मामले ऐसे बताए जाते हैं, जिनमें मुआवजा राशि दस्तावेजी हेरफेर कर कम दी गई। जबकि कई मामलों में असल मालिक की मुआवजा राशि किसी दूसरे को दे दी गई। बताते हैं कि क्लर्कों से लेकर अफसरों तक ‘सैटिंग’ के चलते ही ऐसे गोलमाल किए जाते थे। इसी चक्कर में एक बड़े अफसर का तबादला होने की चर्चा भी रही थी। हालांकि अफसर के तबादले के बाद मामला ही ठंडे बस्ते में चला गया था।

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