वैश्विक मुद्दों पर दुनियां का हर देश भारत को गंभीरता से सुनता है
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में मूल भारतीय कमला हैरिस की उम्मीदवारी तय,रूस यूक्रेन युद्ध विराम,ग्लोबल साउथ की आवाज़ इत्यादि मामलों में भारत की महत्वपूर्ण स्थिति-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दुनियां में भारत की स्थिति आज ऐसी हो गई है कि वैश्विक मुद्दोंपर दुनियां का हर देशभारत को गंभीरता से सुनता है। हर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के संबोधन व बातों को गंभीरता से लिया जाता हैहालांकि भारत के सुझाव को माना जाए या नहीं यह अलग मुद्दा है परंतु दुनियां की हर समस्या या मुद्दे पर भारत से चर्चा विकासशील व विकसित देशों द्वारा जरूर की जाता है। मानों भारत वैश्विक गुरु हो, जिसका सटीक उदाहरण हम पूर्व में देख चुके हैं कि विकसित देशों ने भारत को बॉस और ऑटोग्राफ लेने की बात कर चुके हैं।दिनांक 26 अगस्त 2024 को देर रात्रि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा भारतीय पीएम को फोन कर बांग्लादेश व यूक्रेन यात्रा सहित अनेक क्षेत्रीय वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की है, मेरा मानना है कि इस बातचीत का आधार मुख्यतः दो बातों पर अनुमानित हो सकती है, जिसमें पहला भारत की रूस यात्रा के तुरंत बाद यूक्रेन यात्रा जिसमें शायद अमेरिका की भी हरी झंडी होगी,व पूरा यूरोपीय यूनियन नाटो यह जानने को बेकरार होगा कि आखिर रिजल्ट क्या हुआ और दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारण चूंकि अभी शिकागो यूनाइटेड सेंटर में 19 से 22 अगस्त 2024 तक चले डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद उम्मीदवार का औपचारिक रूप से स्थानीय स्वीकार कर लिया गया है बता दें कि अमेरिका में मूल भारतीयों की आबादी करीब 1.5 प्रतिशत से अधिक है जो करीब 50 लाख से अधिक जनसंख्या होगी, इतने कम प्रतिशत के बावजूद वह तेजी से एक महत्वपूर्ण वोटिंग ब्लॉक बन गए हैं। वहीं 5 नवंबर 2024 को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है तो स्वाभाविक ही है कि,अमेरिकी राष्ट्रपति के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप व कमला हैरिस दोनों ही चाहेंगे कि पूरे मूल भारतीय वोट उनको मिले, जिसमें भारत की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है इन दोनों अनुमानों को हम नीचे पैराग्राफ में चर्चा करेंगे। चुंकि पीएम मोदी व राष्ट्रपति जोबाइडेन बातचीत की है एट द रेट ऑफ़ यूक्रेन सहित क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मूल भारतीय कमला हैरिस की उम्मीदवारी तय, रूस यूक्रेन युद्ध विराम, ग्लोबल साउथ की आवाज इत्यादि मामलों में भारत की महत्वपूर्ण स्थित है।
साथियों बात अगर हम पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की दिनांक 26 अगस्त 2024 को देर रात्रि टेलीफोन वार्ता की करें तो, पीएम ने जो बाइडेन के साथ बातचीत के बाद एक्स पर लिखा, हमने यूक्रेन की स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत विचारों का आदान-प्रदान किया। मैंने शांति और स्थिरता की शीघ्र वापसी के लिए भारत के पूर्ण समर्थन को दोहराया। हमने बांग्लादेश की स्थिति पर भी चर्चा की और सामान्य स्थिति की शीघ्र बहाली और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेष रूप से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा करते हुए पीएम ने राष्ट्रपति बाइडेन को यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बातचीत और कूटनीति के पक्ष में भारत की लगातार स्थिति को दोहराया और शांति और स्थिरता की जल्द वापसी के लिए पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। पीएम ने भारत-अमेरिका साझेदारी के प्रति कटिबद्धता के लिए राष्ट्रपति बाइडेन की प्रशंसा की। बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने क्वाड सहित बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। सरकारी बयान के अनुसार, मोदी ने बाइडन के भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के प्रति गहरी प्रतिबद्धता की सराहना की। यह लोकतंत्र, कानून के नियम और मजबूत लोगों के बीच संबंधों के साझा मूल्यों पर आधारित है। नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत अमेरिका साझेदारी का उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के साथ-साथ पूरी मानवता के लाभ के लिए है। यह लोकतंत्र, कानून के नियम और मजबूत लोगों के बीच संबंधों के साझा मूल्यों पर आधारित है। नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-अमेरिका साझेदारी का उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के साथ-साथ पूरी मानवता के लाभ के लिए है।
साथियों बात अगर हम पीएम की यूक्रेन यात्रा पर अमेरिका सहित पूरे विश्व की नजरोंकी करें तो पीएम जब यूक्रेन के दौरे पर गए थे, तो पूरी दुनिया की नजर उन पर थी। क्योंकि सबको उम्मीद थी कि शायद पीएम वहां से युद्ध विराम का कोई मैसेज लेकर आएंगे। उनके लौटते ही सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का पीएम को कॉल आया।दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर लंबी चर्चा की। इस बीच ये भी बताया गया कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी बातचीत हुई है। हमने बांग्लादेश की स्थिति और वहां बंगाली हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भी चर्चा कीये बातचीत अहम क्यों पीएम ने राष्ट्रपति बाइडेन को इस बात के लिए धन्यवाद दिया किभारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक भागीदारी बढ़ रही है। इसके लिए उनके प्रयासों की सराहना भी की।आगे भी दोनों नेताओं ने कांटेक्ट में बने रहने पर सहमति जताई. विदेशी मामलों के जानकार इस बातचीत को रूस-यूक्रेन युद्ध के नजरिये से बेहद अहम मान रहे हैं. अमेरिका यूक्रेन का सहयोगी देश है. रूस से जंग में भी वो यूक्रेन को काफी मदद मुहैया करा रहा है. वो सीधे रूस से बातचीत नहीं कर सकता. इसलिए भारत इस मामले में अहम भूमिका अदा कर सकता है. उधर, कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है, उसके लिए अमेरिका जिम्मेदार है. ऐसे में वहां रह रहे हिंंदुओं की सुरक्षा के लिए अमेरिका से बातचीत अहम होगी।पीएम ने कहा,समाधान का रास्ता केवल बातचीत और कूटनीति के जरिए ही निकाला जा सकता है, हमें बिना समय बर्बाद किए इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. दोनों पक्षों को इस संकट से बाहर निकलने के लिए एक साथ बैठना चाहिए, पीएम ने जेलेंस्की से कहा, मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि भारत शांति की दिशा में किसी भी कोशिश में एक्टिव भूमिका निभाने के लिए तैयार है।अगर मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें कोई भूमिका निभा सकता हूं, तो मैं ऐसा करूंगा, यह मैं आपको एक दोस्त के रूप में आश्वस्त करना चाहता हुं वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस के साथ जंग में भारत से यूक्रेन को अपना समर्थन देने की बात कही और संकट में संतुलित रुख अपनाने से परहेज करने की गुजारिश की, उन्होंने कहा, जंग को खत्म करना और न्यायपूर्ण शांति स्थापित करना यूक्रेन की प्राथमिकता है।जेलेंस्की ने क्या कहना चाहा और क्या भारत संतुलित रुख के बिना यूक्रेन का पक्ष लेगा?भारत और यूक्रेन ने कई क्षेत्रों में चार दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं, रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि इन समझौतों से कृषि, खाद्य उद्योग, चिकित्सा, संस्कृति और मानवीय सहायता के क्षेत्रों में सहयोग सुनिश्चित होगा।
साथियों बात अगर हम मेरे निजी अनुमान अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को देखें तो अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की आधिकारिक उम्मीदवार बन चुकी हैं,हैरिस किसी प्रमुख अमेरिकी राजनीतिक पार्टी की ओर से व्हाइट हाउस की ध्वजवाहक बनने वाली पहली अश्वेत महिला और पहली दक्षिण एशियाई महिला हैं। यदि वह नवंबर में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हरा देती हैं तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी, ये देखना चाहिए कि कमला हैरिस जिस भारतीय, एशियाई या अश्वेत समुदाय को ज्यादा रिप्रेजेंट करती हैं, उसका वोट प्रतिशत कितना है।पिछले कुछ सालों में अमेरिका मेंभारतीय अमेरिकी समुदाय और अन्य जातीय समूहों का असर प्रेसीडेंट और सीनेट के चुनावों में बढ़ा है।पिछले कुछ सालों में अमेरिका में भारतीय अमेरिकी समुदाय और अन्य जातीय समूहों का असर प्रेसीडेंट और सीनेट के चुनावों में बढ़ा है।अश्वेत के साथ एशियाई समुदाय के कितने लोग हैं, जिन्हें बांटने की कोशिश रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने अपने नफरती भाषणों से शुरू कर दी है। बता दें कि अमेरिका में कुल 50 फीसदी वोट श्वेत समुदाय के हैं जबकि अश्वेत कम्युनिटी के वोटों का परसेंटेज 33 फीसदी है, इसमें अश्वेत, भारतीय, एशियाई आदि शामिल हैं।हां इस श्वेत समुदाय में जो तादाद है, उसमें आधी डेमोक्रेटिक पार्टी की भी समर्थक मानी जाती है बाकि आधी आबादी रिपब्लिकन की ओर जाती रही है। इसी वजह से डोनाल्ड ट्रंप की खीझ बढ़ गई, उन्हें कमला हैरिस एक दमदार कैंडीडेट लग रही हैं।भारतीय अमेरिकी कितने और किसको वोट करते हैंभारतीय अमेरिकी अमेरिका की आबादी का करीब 1.5 प्रतिशत हैं. 2023 तक उनकी संख्या 50 लाख की थी। अपने छोटे प्रतिशत के बावजूद वो तेजी से एक महत्वपूर्ण वोटिंग ब्लॉक बन गए हैं।2020 के राष्ट्रपति चुनाव में 70 फीसदी से अधिक भारतीय अमेरिकियों ने बाइडेन-हैरिस टिकट के लिए मतदान किया। इस समर्थन का श्रेय उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के समुदाय से जुड़ाव और उनके मुद्दों के प्रति उनकी वकालत को दिया जाता है. सर्वेक्षण ये भी बताते हैं कि भारतीय अमेरिकियों के बीच मतदान प्रतिशत बढ़ रहा है. ये भी लग रहा है कि हैरिस के चुनावों में खड़े होने के बाद वो इस चुनावों में ज्यादा वोट करेंगे। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में, 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय अमेरिकियों ने बाइडेन-हैरिस टिकट के लिए मतदान किया, जिसका मुख्य कारण कमला हैरिस का समुदाय से संबंध था.भारतीय अमेरिकी मतदाताओं का मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पीएम मोदी व राष्ट्रपति जो बाइडेन की बातचीत@यूक्रेन सहित क्षेत्रिय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा।वैश्विक मुद्दों पर दुनियां का हर देश भारत को गंभीरता से सुनता है।अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में मूल भारतीय कमला हैरिस की उम्मीदवारी तय,रूस यूक्रेन युद्ध विराम,ग्लोबल साउथ की आवाज़ इत्यादि मामलों में भारत की महत्वपूर्ण स्थिति है।
*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*