कहा, ट्रैक्टर तो किसानों का वाहन, उसके साथ ही दिल्ली जाएंगे, बेवजह ही क्यों डरी सरकार
चंडीगढ़ 23 अगस्त। पहले किसानी-आंदोलन से एकाएक सुर्खियों में आए वरिष्ठ किसान नेता राकेश टिकैत यहां खेतीबाड़ी से जुड़े समागम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने केंद्र की भाजपा गठबंधन सरकार पर एक बार फिर जमकर निशाने साधे।
टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ट्रैक्टर से इतनी डरती क्यों है। ट्रैक्टर तो किसानों का वाहन है। अगर वह ट्रैक्टर के साथ दिल्ली नहीं जाएंगे तो और कैसे जाएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कौन सी हड़ताल चल रही है कि किसानों को आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। वह एमएसपी की मांग को लेकर शांतिपूवर्क प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन उससे भी उनको रोका जा रहा है।
टिकैत वीरवार को किसान भवन में जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) क्रॉप्स को लेकर राष्ट्रीय कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। जिसमें देशभर से किसानों ने हिस्सा लिया। इसी दौरान किसान नेता टिकैत ने किसानी आंदोलन को लेकर कहा कि केंद्र सरकार का सिर्फ एक ही मुद्दा चल रहा है और वह सिर्फ हिंदू-मुस्लिम है। देश से जिन मुद्दों का कोई लेना-देना नहीं है, उनमें लोगों को भटकाने के लिए केंद्र सरकार लगी रहती है। ताजा मामला बांग्लादेश का है। सत्ता किसी की भी हो, उनका किसी पार्टी के खिलाफ आंदोलन नहीं है। पिछली बार जब वह बॉर्डर पर बैठे थे तो सिर्फ तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कभी भी सत्ता परिवर्तन का नारा नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी उन्होंने कांग्रेस की सरकार के खिलाफ भी प्रदर्शन किया था। यह सरकार भाजपा की नहीं है, यह पूंजीपतियों की सरकार है। सरकार सिख समाज को बदनाम करने में लगी हुई है कि उन्होंने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर रास्ता बंद किया है, जबकि असल में खुद रास्ता बंद कर रखा है।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि भाजपा ने किसानों को बुरी तरह से पीटा है, लेकिन इसका फायदा कांग्रेस उठाएगी। कृषि विशेषज्ञ देवेंद्र शर्मा ने कहा कि वह जल्द ही केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखेंगे। पत्र में उनसे मांग की जाएगी कि जीएम क्रॉप्स को लेकर जो पॉलिसी बनाई जाएगी, उसमें किसानों के साथ विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। किसान जीएम क्रॉप के खिलाफ हैं। जीएम फसल उन फसलों को कहा जाता है जिनके जीन को वैज्ञानिक तरीके से रूपांतरित किया जाता है। शर्मा ने कहा कि कॉटन में फसल जीएम क्रॉप्स को शुरू किया गया था, लेकिन कॉटन की फसल बर्बाद होनी शुरू हो गई, क्योंकि इसे जल्दी कीड़ा लग रहा है। शर्मा ने कहा के 18 राज्य से 90 किसान नेता इस कॉन्क्लेव में शामिल हुए हैं। ये कॉन्क्लेव जेनेटिकली मोडिफाइड क्रॉप्स को लेकर था। कॉन्क्लेव का मकसद फॉर्मर लीडर्स को इस मामले के बारे में जानकारी देना था कि कैसे ये जीएम क्रॉप्स कृषि के लिए खतरनाक है।
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