watch-tv

हरियाणा के वो 8 डेरे और मठ; जिनको माना जाता है ‘गेम चेंजर’; आशीर्वाद के लिए लगती है नेताओं की लाइन

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

हरियाना/यूटर्न/23 अगस्त: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। एक अक्टूबर को प्रदेश में वोटिंग होगी, 4 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। हर बार की तरह इस बार भी डेरों की भूमिका चुनाव में देखने को मिलेगी। हरियाणा में मुखयत 8 बड़े डेरे और मठ हैं। हरियाणा में चाहे लोकसभा चुनाव हों या विधानसभा। इन डेरों की भूमिका अहम मानी जाती है। राजनीति की भाषा में इनको ‘गेम चेंजर’ कहा जाता है। अभी तक सबसे अधिक प्रभाव सिरसा के डेरा सच्चा सौदा का माना जाता था।
वोट बैंक के चलते विपक्ष भी नहीं करता विरोध
हरियाणा में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा को सबसे अहम माना जाता है। अभी इसके संचालक गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारियां जेल में बंद हैं। माना जाता है कि वोट बैंक के चलते ही उनको बार-बार पैरोल दी जाती है। विपक्ष भी खुलकर इसका विरोध नहीं करता। वहीं, हरियाणा के पुरी धाम, रोहतक में गोकर्ण धाम, सतजिंदा कल्याण डेरा, सांपला में डेरा कालीदास महाराज, कलानौर शहर में डेरा बाबा ईश्वर शाह और सती भाई साईं दास के भी लाखों समर्थक हैं। बाबा बालक नाथ बाबा मस्त नाथ मठ रोहतक के महंत हैं। वे खुद राजस्थान के तिजारा से भाजपा विधायक हैं। बता दें कि उनके डेरे का रोहतक, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में काफी प्रभाव माना जाता है।
माना जाता है जब भी चुनाव आते हैं, नेता खुलकर डेरों में समर्थन मांगने में सावधानी बरतते हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं। डेरों के रणनीतिकार कैंडिडेट्स और पार्टियों की स्कैनिंग शुरू कर देते हैं। फिर एक या दो दिन पहले खास समर्थकों को सीक्रेट मैसेज किया जाता है कि किसको वोट देना है? ये मैसेज इनडायरेक्ट वे में हर समर्थक तक जाता है। डेरे से जुड़ लोग बताते हैं डेरा उन्हीं कैंडिडेट्स को समर्थन देता है, जिसका अतीत में डेरे को संरक्षण रहा हो।
बड़े नेता भी लगाते हैं हाजिरी
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो मुखयमंत्री नायब सिंह सैनी और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी कई डेरों और मठों में आशीर्वाद लेते नजर आए थे। इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह, दीपेंद्र हुड्डा भी कई डेरों में हाजिरी लगाते दिखे थे। बताया जाता है कि राजनीतिक दिग्गज डेरों में नियमित तौर पर आते हैं। वहीं, लोकल लीडरशिप इनको कम महत्व देती है।
—————

Leave a Comment