दलबदलुओं ने बढाई भाजपा व कांग्रेस की की टेंशन, बागी मांग रहे टिकट, इन सीटों पर फसेगा पेच

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हरियाना/यूटर्न/23 अगस्त: विधानसभा चुनाव एलान के बाद राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस मजबूत उमीदवार को उतारने की तैयारी में जुट गए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले हफते की शुरुआत में उमीदवारों के नाम घोषित किए जा सकते हैं। मगर राजनीतिक दलों के लिए यह सब इतना आसान नहीं होने वाला। दरअसल, पिछले एक साल में दोनों ही दलों में कई बागी शामिल हुए हैं। कांग्रेस में तो 45 से ज्यादा पूर्व विधायक व चेयरमैन शामिल हो चुके हैं। भाजपा में भी शामिल हुए ऐसे नेताओं की लंबी सूची है। ये सभी बागी भी विधानसभा चुनाव में दावेदारी जता रहे हैं। जिन इलाकों से यह चुनाव लडऩा चाहते हैं, वहां पहले से पार्टी के उमीदवार मौजूद हैं, जो लंबे समय से ग्राउंड पर मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के सामने दिक्कत यह है कि राज्य में माहौल बनाने के लिए इन बागियों को पार्टी में शामिल तो कर लिया, मगर टिकटों के बंटवारे को लेकर पुराने व नए साथियों के बीच सामंजस्य बैठाना पहाड़ जैसी चुनौती है। पार्टी को उनकी नाराजगी का भी डर सता रहा है।
भाजपा रानियां, हिसार और चरखी दादरी में कड़ी टक्कर
भाजपा के सामने ताजा चुनौती राज्य के ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला ने पेश की है। वह पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रानियां सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे। भाजपा में शामिल होने के बाद वह भाजपा से दावा ठोक चुके हैं। वहीं, इसी सीट से भाजपा के साझेदार हलोपा के गोपाल कांडा के भतीजे धवल कांडा भी दावेदारी जता चुके हैं। दोनों के बीच चल रहे घमासान ने भाजपा को परेशानी में डाल दिया है। गोपाल कांडा लगातार भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं और सीट की दावेदारी छोडऩे को तैयार नहीं है। हिसार में भाजपा से दावेदारी को लेकर अंदरखाते जोर आजमाइश चल रही है। हिसार से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के टिकट से सबसे मजबूत दावेदार हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं सावित्री जिंदल भी दावेदारी जता चुकी हैं। हिसार सावित्री जिंदल की परंपरागत सीट है। इस सीट पर जिंदल परिवार का 2009 तक कब्जा रहा है। कमल गुप्ता ने 2014 में सावित्री जिंदल को हराकर यह सीट हथिया ली थी। पिछले चुनाव में भी गुप्ता ने जीत दर्ज की थी। पिछले दिनों सावित्री जिंदल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात अपनी दावेदारी और मजबूत कर दी है।
चरखी दादरी में भी यही हालात
ऐसे ही कुछ हालात चरखी दादरी में भी बन रहे हैं। पिछली बार भाजपा से चुनाव मैदान में उतरीं बबीता फोगाट फिर से तैयारी में जुट गई है। वह लागातर लोगों से मिल रही हैं। इसी सीट से पूर्व मंत्री सतपाल संगवान भी भाजपा से दावेदारी जता रहे हैं। सांगवान कुछ समय पहले ही पूर्व सीएम मनोहर लाल के माध्यम से जजपा से भाजपा में शामिल हुए थे। वह छह बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 2009 में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। इसी तरह यमुनानगर की रादौर सीट से पूर्व राज्यमंत्री कर्ण देव कांबोज दावेदारी पेश करते आए हैं। पिछला चुनाव हारने पर उन्होंने जिस पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ा था, वह श्याम सिंह राणा पिछले दिनों भाजपा में शामिल हो गए। इनेलो ने उनकी टिकट भी घोषित कर दी थी। उधर, ऐलनाबाद सीट से भाजपा नेता गोबिंद कांडा दावेदारी जताते रहे हैं। मगर कुछ दिन पहले जजपा से भाजपा में शामिल हुए मीनू बेनीवाल भी दावा ठोक चुके हैं।
कांग्रेस: चरखी दादरी, शाहाबाद और टोहाना में फंसा पेच
भाजपा की तरह कांग्रेस के सामने भी यही दुविधा है कि वह अपने लोगों को टिकट दे या फिर दल-बदुलओं को। इसके अलावा यहां पर हुड्डा और सैलजा गुट होने की वजह से दावेदार भी अधिक हैं। 90 सीटों के लिए करीब 2500 उंमीदवारों ने आवेदन कर रखा है। लोकसभा चुनाव के दौरान तीन निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने भाजपा से समर्थन खींच कांग्रेस को दिया था। बताया जा रहा है कि तीनों निर्दलीय विधायक कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लडऩा चाहते हैं और इसी शर्त पर उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दिया था। मगर कांग्रेस में पहले से इन तीनों सीटों पर कई दावेदार हैं। दादरी से कांग्रेस में सोमबीर सांगवान के अलावा 35 दावेदार हैं। इसमें तीन पूर्व विधायक भी शामिल हैं। वहीं, रणधीर सिंह गोलन और धर्मपाल गोंदर भी चुनाव लडऩा चाहते हैं, मगर इन दोनों ने कांग्रेस से आवेदन नहीं किया है।
शाहबाद सीट पर प्रत्याशी कांग्रेस के लिए बनेगा सिरदर्द
जजपा के बागी विधायक रामकरण काला ने शाहबाद से कांग्रेस से आवेदन कर रखा है, जबकि इस सीट से पूर्व विधायक अनिल कुमार धंनतोरी, लेहरी सिंह और प्रदीप नरवाल भी प्रमुख दावेदार हैं। जजपा के एक अन्य बागी विधायक व पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह बबली भी कांग्रेस से चुनाव लडऩा चाहते हैं। यहां भी तगड़ा मुकाबला है। जजपा के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व विधायक निशान सिंह और पूर्व मंत्री परमवीर सिंह भी दावेदार हैं। इसी तरह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए अवतार सिंह भड़ाना नांगल चौधरी से विधानसभा चुनाव लडऩा चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस दफतर में आवेदन भी किया। इसी सीट से पूर्व विधायक मोला राम, पूर्व विधायक जसवंत सिंह सहरावत, रिटायर्ड आईएएस विनय सिंह यादव भी टिकट के लिए प्रबल दावेदार हैं।
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