फरवरी से दूसरे आंदोलन में अब तक शंभू मोर्चे में शामिल बारह किसान गंवा चुके जान
अंबाला, 22 अगस्त। एक बार फिर शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान मोर्चे के दौरान एक किसान की मौत हो गई। देर शाम अचानक किसान की तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें मोर्चे पर पहुंची एम्बुलेंस तक ले जाया गया। एंबुलेंस में मौजूद डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के मुताबिक पुलिस व परिवार को इसकी सूचना दे दी गई। मृतक किसान कौर सिंह 65 साल के थे। वह घोड़े नव ब्लॉक लहरा जिला संगरूर के रहने वाले थे। तकरीबन दस दिनों से वह इस मोर्चे पर किसानों के साथ मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे थे। शाम के समय उनको सांस लेने में तकलीफ होने लगी और उन्होंने छाती में दर्द की शिकायत की। साथी किसान तुरंत उन्हें शंभू बॉर्डर पर खड़ी एंबुलेंस में ले गए, लेकिन उसी दौरान उनकी मौत हो गई।
इस साल फरवरी से शुरू हुए इस किसान आंदोलन में करीब 12 किसानों की मौत हो चुकी है। तकरीबन एक महीना पहले ही तरनतारन के हरजिंदर सिंह की मौत हो गई थी। वे भी तकरीबन 65 साल के ही थे। उनकी मौत का कारण भी हार्ट अटैक ही बना था।
गौरतलब है कि किसान आंदोलन को लेकर 200 दिन 31 अगस्त को पूरे हो रहे हैं। इस साल 13 फरवरी से किसान शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। किसानों ने 200 दिन पूरे होने पर शंभू बॉर्डर पर बड़ी गिनती में किसानों को पहुंचने का आह्वान किया है। सिर्फ पंजाब- हरियाणा ही नहीं, इस 31 अगस्त को अन्य राज्यों के किसान भी शंभू बॉर्डर पर पहुंचेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि पूरे देश के किसानों के इकट्ठे होने पर 31 अगस्त को बड़ी कांफ्रेंस होगी। जिसमें अगली रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
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