लेटरल एंट्री-केंद्रीय नौकरशाही में अति उच्च पदों पर बिना आरक्षण निजी क्षेत्र से डायरेक्ट भर्ती-17 सितंबर 2024 अप्लाई की लास्ट डेट थीं
सरकारी उच्चस्तरीय पदों पर निजी क्षेत्र से विशेषज्ञों टैलेंट बुद्धिजीवियों से यूपीएससी ने डायरेक्ट भर्ती विज्ञापन क्रमांक 54/2024 से आवेदन मंगाए थे
विज़न 2047 के लक्ष को शीघ्र प्राप्त करने,निजी क्षेत्र के टैलेंट व विशेषज्ञों को उच्चपदों पर नियुक्त करके सेवाएं लेना सराहनीय कदम-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारतीय बौद्धिक क्षमता की पूरी दुनियां में धाक है परंतु बीते कुछ दशकों से आरक्षण,पेपर लीक भाई भतीजावाद और सबसे बड़ी बात केवल आईएएस या समकक्ष की ही किसी पदोन्नति के माध्यम से शासकीय डायरेक्टर, संयुक्त सचिव इत्यादि पदों पर नियुक्ति की जाती थी, चाहे उनमें उतना टैलेंट या विशेषज्ञता हो या ना हो, या फिर उन पदों में भी शायद आरक्षण किए जाते थे, परंतु कांग्रेस शासन काल में ही सबसे पहले लेटरल एंट्री यानें बिना आरक्षण के निजीक्षेत्रों से विशेषज्ञों टैलेंट्स को सरकारी उच्च पदों पर प्रक्रिया से सीधे भरती का क्रम कांग्रेस ने 2005 में लाई थी जिसकी सिफारिश दूसरे प्रशासकीय सुधार आयोग जिसमें अध्यक्ष वीरप्पा मोयली जी थे, उन्होंने सिफारिश की थी व आयोग ने पांच सिफारिश की थी (1) विषेशज्ञों की आवश्यकता (2)टैलेंट पूल का निर्माण (3) पारदर्शी चयन प्रक्रिया (4) प्रोफॉर्मेंस मैनेजमेंट सिफारिश (5) सिविल सेवाओं के साथ इंटीग्रेशन लेना यानें इसे लेटरल एंट्री का नाम दिया गया परंतु यह शुरू नहीं हो सका था। फिर 2017 में नीति आयोग ने वरिष्ठ स्तरपर लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्ति की सिफारिश की थी जो अधिकतम 5 वर्षों के लिए होगी उस समय तक केवल सिविल सेवा के अधिकारी ही केंद्रीय सचिवालय में नियुक्त होते थे, परंतु इसे बदलकर वर्तमान हैट्रिक 3.0 सरकार ने पहली बार 2018 में आवेदनमंगाए थे जो केवल संयुक्त सचिव पद पर नियुक्ति के लिए थेबाद में उन्हें बढ़ाकर अनेक पदों पर शुरू किया गया इस वर्ष फिर 17 अगस्त 2024 को यूपीएससी ने विज्ञापनक्रमांक 54/2024 से आवेदन मंगाए हैं जो 17 सितंबर 2024 तक योग्यता प्राप्त भारत के किसी भी निजी व्यक्ति द्वारा भी आवेदन कर सकते हैं, इसमें कोई भी किसी भी प्रकार का आरक्षण नहीं होगा। याने एक उच्च स्तर की आईएएस अधिकारी रैंक के पद पर निजी क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति बैठ सकता है। इसका मकसद राष्ट्रीय सेवा में अतियोग्यता प्राप्त विषेशज्ञों की सेवाएं प्राप्त करना है,जो हम अक्सर आज शासकीय अधिकारियों में वैसी क्वालिटी देखने को नहीं मिलती। चूंकि लेटरल एंट्री केंद्रीय नौकरशाहों में अतिउच्च पदों पर निजी क्षेत्र में से डायरेक्ट भर्ती का विज्ञापन निकाला है,17 सितंबर2024 को अप्लाई की लास्ट डेट है यानें सरकारी उच्चस्तरीय पदों पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों टैलेंट बुद्धिजीवियों से यूपीएससी ने डायरेक्ट भर्ती विज्ञापन 54/ 2024 से आवेदन मांगे हैं, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,विजन 2047 के लक्ष को शीघ्र प्राप्त करनेबिना आरक्षण, निजी क्षेत्र के टैलेंट व विशेषज्ञों को उच्चपदों पर नियुक्त करके सेवाएं लेना सराहनीय कदम है।
साथियों बात अगर हम लेटरल एंट्री पर यूपीएससी द्वारा विज्ञापन निकालने के बाद से ही विवाद की करें तो इसे दिनांक 20 अगस्त 2024 को दोपहर कार्मिक मंत्रालय द्वारा यूपीएससी अध्यक्ष को एक लेटर लिख इस विज्ञापन को रद्द करने के लिए कहा गया है ऐसी जानकारी सोशल मीडिया चैनलों और दूरदर्शन के इनेलो व रेडियो समाचार पर बताया जा रहा है, बताया जा रहा है कि कार्मिक विभाग की तरफ से यूपीएसी को एक विस्तृत चिट्ठी लिख दी गई है। उस चिट्ठी में माना जा रहा है कि लेटरल भर्ती पर रोक लगाने के लिए कहा गया है। बड़ी बात यह भी है कि पीएम के निर्देश के बाद ही यह चिट्ठी लिखी गई है। पीएम ने लेटरल भर्ती पर रोक लगाने का फैसला किया है। प्रक्रिया पर बवाल शुरू हुआ और अब पीएम ने उस पर रोक लगाने का फैसला किया।
साथियों बात अगर हम टैलेंटेड लेटरल एंट्री से निजी क्षेत्र को सीधे उच्चपदों पर नियुक्त करने की करें तो, हम आज कुछ दशकों से आरक्षण, पेपर लीक व भाई भतीजा वाद कुरीति का नतीजा देख रहे हैं कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को उतना ज्ञान नहीं है, जितना आज एक निजी क्षेत्र के अधिकारी को है।आज निजी क्षेत्रअपेक्षाकृत अधिक टैलेंटेड व विशेषज्ञ है, यही कारण है कि उनका पैकेज सरकारी अधिकारियों की अपेक्षा कई गुना अधिक है। बड़े बुजुर्गों का सही कहना है कि सरकारी नौकर यानी सरकार का जमाई राजा! अंदर बाहर, टेबल के नीचे, हर तरफ से मलाई है, कमी है तो केवल टैलेंट की जिसे अब वर्तमान हैट्रिक 3.0 सरकार लाइन में ला रही है और 2018 से लागू लेटरल एंट्री जोरदार तरीके से शुरू है। साथियों बात अगर हम लेटरल एंट्री से नियुक्ति को समझने की करें तो,अगर आसान भाषा में समझें तो लेटरल एंट्री का मतलब प्राइवेट सेक्टर के लोगों की सीधी सरकारी पदों पर भर्ती से है। यूपीएससी की तरफ से जिन 45 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है, उनके जैसे पदों पर ही प्राइवेट सेक्टर के लोगों की भर्ती की जाती है। यानें कि सरकार अलग-अलग मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर/डिप्टी सेक्रेटरी जैसे पदों पर प्राइवेट सेक्टर के लोगों को कॉन्ट्रैक्ट के तहत काम करने का मौका देती है।लेटरल एंट्री स्कीम के जरिए 15 सालों तक प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को नौकरशाही में शामिल किया जा सकता है। हालांकि, इन लोगों न्यूनतम उम्र 45 वर्ष होनी चाहिए,साथ ही उम्मीदवार के पास किसी भी यूनिवर्सिटी से प्राप्त ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। आमतौर पर जिन पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया है, उन पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) और अन्य ‘ग्रुप ए’ सर्विस के अधिकारी तैनात होते हैं। संघ लोक सेवा आयोग ने 17 अगस्त, 2024 को एक विज्ञापन जारी किया, जिसमें केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों मेंसंयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के 45 पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कि लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकारों,सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ,रिसर्च इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी और यहां तक कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने का अनुभव रखने वाले ऐसे लोग जो उचित योग्यता रखते हैं, लेटरल एंट्री के तहत आवेदन करने के पात्र हैं।दिव्यांग कैंडिडेट भी सभी पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
साथियों बात अगर हम लेटरल एंट्री के पीछे केंद्र सरकार के तर्क की करें तो,कार्मिक और प्रशिक्षण विभागके राज्य मंत्री ने 2019 में राज्यसभा को बताया था कि लेटरल एंट्री का उद्देश्य ब्यूरोक्रेसी में नई प्रतिभाओं को लाने के साथ-साथ मैनपावर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करना है।राज्यसभा में 8 अगस्त, 2024 को एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, प्रोफेशनल्स की उनके कार्य क्षेत्र में विशेषज्ञता और कौशल को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के स्तर पर लेटरल एंट्री के जरिए उनकी नियुक्ति की जाएगी।लेटरल एंट्री के पीछे की सोच यह है कि सरकार ऐसे व्यक्तियों की विशेषज्ञता और कौशल का उपयोग करना चाहती है, जिनके पास किसी विशेष क्षेत्र में कार्य करने का लंबा अनुभव हो, फिर भले ही वे कैरियर डिप्लोमैट हों या न हों। इस विचार के अनुरूप, पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न केंद्रीय सिविलसेवाओं केअधिकारियों को केंद्रीय सचिवालय में सेवा करने का अवसर दिया गया है, जिसे हमेशा आईएएस-प्रभुत्व वाला माना जाता था।लेटरल एंट्री के तहत पहले दौर की भर्ती 2018 में शुरू हुई। तब सरकार को संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए कुल 6,077 आवेदन प्राप्त हुए थे। यूपीएससी द्वारा चयन प्रक्रिया पूरी करने के बाद, 2019 में नौ अलग-अलग मंत्रालयों/विभागों में नियुक्ति के लिए नौ प्रोफेशनल्स के नामों की सिफारिश की गई थी। 2021 में लेटरल एंट्री के लिए दूसरी बार आवेदन मंगाए गए थे। फिर मई 2023 में लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती का विज्ञापन यूपीएससी की ओर से जारी किया गया था। इस साल 9 अगस्त को राज्यसभा में बताया था कि, पिछले पांच वर्षों में लेटरल एंट्री के माध्यम से 63 नियुक्तियां की गई हैं। वर्तमान में, 57 प्रोफेशनल्स केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
साथियों बात अगर हम लेटरल एंट्री के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की करें तो,यह सरकारी नौकरी तीन सालों के लिए कॉन्ट्रेक्ट बेस पर होगी।जॉइंट सेक्रेटरी पद पर 15 साल, डायरेक्टर के लिए 10 साल और डिप्टी सेक्रेटरी के लिए 7 साल का वर्कएक्सपीरियंस मांगा गया है। वहीं, पदों के हिसाब से एजुकेशनल क्वालिफिकेशन भी निर्धारित की गई है। इसकी डिटेल्स कैंडिडेट्स ऑफिशियल नोटिफिकेशन लिंक से चेक कर सकते हैं।इसके लिए राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश में इनसे समकक्ष पदों पर सरकारी नौकरी करने वाले अफसर आवेदन कर सकते हैं। इनके अलावा पीएसयू, स्वायत्त निकायों,सैचुरेटरीऑर्गनाइजेशन्स, यूनिवर्सिटी, मान्यता प्राप्त रिसर्च इंस्टीट्यूट, प्राइवेट कंपनी, मल्टी नेशनल कंपनियों में कार्यरत लोग भी इन पदों के लिए अप्लाई कर सकते हैं।सिविल सर्वेंट ऑफिसर्स को लंबा कार्यकाल पूरा करने के बाद बनते हैं ज्वाइंट सेक्रेटरीसिविल सर्विस एग्जाम क्लियर करने और बतौर सिविल सर्वेंट ऑफिसर लंबा कार्यकाल पूरा करने के बाद ज्वाइंट सेक्रेटरी बनने का मौका मिलता है। लैटरल एंट्री के जरिए आप बिना किसी एग्जाम के सीधे इस पद पर नौकरी पा सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर्स के एक्सपर्ट्स के लिए तो यह बेहतरीन मौका है।
साथियों बात अगर हम वर्तमान हैट्रिक 3.0 सरकार की करें तो,सरकारी कामकाज में पांच साल पहले एक नया तरीका लाई थी, जिसको लेटरल एंट्री कहा जाता है। इस तरह की भर्ती 2019 में पहली बार की गई थी, और अब इसे बड़े पैमाने पर दोहराया जा रहा है। लेटरल एंट्री को सरकारी नौकरशाही में बाहरी विशेषज्ञों को लाने की योजना के तौर पर समझा जा सकता है। सरकार केतीसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही प्रशासनिक तंत्र में नई ऊर्जा लाने के लिएप्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में ही कैबिनेट सचिव और गृह सचिव सहित 20 सचिवों के तबादले किए हैं। इसके साथ ही, सरकार ने प्रशासनिक क्षमता को बढ़ाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वह है डोमेनएक्सपर्ट्स यानी विशेषज्ञों की भर्ती, यूपीएससी ने इस संबंध में एक विज्ञापन जारी किया है।
साथियों बात अगर हम विपक्ष द्वारा लेटरल एंट्री की आलोचना की करें तो,लैटरल एंट्री को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच एक बार फिर कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने इस कदम से दलितों के हितों पर कुठाराघात करनाचाहती है। कांग्रेस नेता ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर इस संबंध में पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा,लैटरल एंट्री दलित, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। इनका राम राज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करना और बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहता है। यूं तो कांग्रेस नेता शुरू से ही दलितों, ओबीसी और आदिवासियों के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लैटरल एंट्री को लेकर हंगामा बरप रहा है, जिसे लेकर उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस पर कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी दल इसे संविधान पर कुठाराघात करार दे रहे हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि लेटरल एंट्री केंद्रीय नौकरशाही में अति उच्च पदों पर बिना आरक्षण निजीक्षेत्र से डायरेक्ट भर्ती पर रोक-17 सितंबर 2024 अप्लाई की लास्ट डेट थीं।सरकारी उच्चस्तरीय पदों पर निजी क्षेत्र से विशेषज्ञों टैलेंट बुद्धिजीवियों से यूपीएससी ने डायरेक्ट भर्ती विज्ञापन क्रमांक 54/2024 से आवेदन मंगाए थे।विज़न 2047 के लक्ष को शीघ्र प्राप्त करने निजी क्षेत्र के टैलेंट व विशेषज्ञों को उच्चपदों पर नियुक्त करके सेवाएं लेना सराहनीय कदम है।
*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*