लुधियाना 18 अगस्त। श्री आत्मानंद जैन सभा लुधियाना के जैन उपाश्रय व श्री आत्मानंद जैन महासमिति के संयोजन में श्री आत्म वल्लभ जैन उपाश्रय में चातुर्मास हेतु विराजमान श्रीमद् आत्म वल्लभ समुद्र इंद्र सुरीश्वर जी महाराज के क्रमिक पट्टधर गच्छाधिपति शांतिदूत जैनार्चाय श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरी जी महाराज की आज्ञानुवर्ती शांत स्वभावी विदुषी साध्वी संपत श्रीजी महाराज की सुशिष्या सरल स्वभावी साध्वी चंद्रयशा श्रीजी महाराज व प्रवचन निपुण साध्वी श्री पुनीतयशा श्रीजी महाराज की पावन मिश्रा में रविवार को सत्संग हुआ। इस दौरान साध्वी चंद्रयशा श्रीजी महाराज और साध्वी श्री पुनीतयशा श्रीजी महाराज की अगुवाई में परमात्मा की अदालत लगाई गई। जिसमें 18 पापस्थानकों का प्रक्षालन किया गया। जिसमें परमात्मा से प्रार्थना की गई कि हे परमात्मा, मैं क्रोधी, कामी, अभिमानी, मायावी हूं, पर प्रभु मैं जैसा भी हूं आपका हूं, आपका बनकर आया हूँ, मुझे स्वीकार करो प्रभु मुझे पाप सागर से पार करो, मैं कटघरे में खड़े होकर अपने पाप को स्वीकारता हूँ। मेरी आत्मा को 18 पाप स्थानकों के पाप से निर्मल और निश्छल बनाने कि कृपा करें। इस अवसर पर श्री आत्मानंद जैन सभा के कार्यकारी अध्यक्ष गुलशन जैन गिरनार अर्धमान जैन अध्यक्ष एसएस जैन सभा, अरुण जैन, जैन शॉल, अमित जैन अभय ट्रेडिंग, विनोद जैन जैनसन, सुरिंदर मोहन जैन, नरेंद्र बाबा, मुकेश जैन आर्मी स्टोर, ईव जैन टोनीमंत्री वीर भूषण जैन, संजीव जैन बाबला, विनोद जैन जीव दया निर्मल जैन, ज्योति जैन, सारा जैन बेबी होजरी, नरेश जैन पिंकी, मनोज जैन मुकेश जैन मिंटू, राजेश जैन, सुरेश जैन, साधना जैन अनु जैन, सरुचि जैन, सारिका जैन, श्वेता जैन, पूजा जैन , सुषमा जैन, शिखा जैन, आशू जैन, रीना जैन, मधु जैन, तनु जैन, मिनी जैन, शिल्पी जैन, श्रुचि जैन मौजूद थे।
परमात्मा की अदालत में 18 पापस्थानकों का किया गया प्रक्षालन
Rajdeep Saini
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