हरियाना/यूटर्न/14 अगस्त: संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा 24 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा एक ‘‘चुनावी हथकंडा’’ है और यह राज्य के किसानों को स्वीकार्य नहीं है। एसकेएम ने कहा कि यह एम. एस. स्वामीनाथन समिति द्वारा सुझाए गए फार्मूले पर भी आधारित नहीं है। एसकेएम ने जारी एक बयान में विधानसभा चुनाव से पहले अतिरिक्त फसलों पर एमएसपी देने के हरियाणा सरकार के हालिया फैसले की निंदा की और कहा कि यह स्वामीनाथन समिति द्वारा अनुशंसित सी2 प्लस 50 प्रतिशत (कुल लागत के ऊपर 50 प्रतिशत) फॉर्मूले पर आधारित नहीं है। अब रद्द हो चुके कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले किसान संगठन ने यह भी कहा कि सरकार ने एमएसपी पर खरीद के लिए कोई कानूनी गारंटी की घोषणा नहीं की है, जो किसानों की प्रमुख मांगों में से एक थी। उसने कहा एसकेएम हरियाणा के मुखयमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा 24 फसलों के लिए सी2 प्लस 50 प्रतिशत फॉर्मूले और कानूनी रूप से गारंटीकृत खरीद के बिना एमएसपी की घोषणा करने की कड़ी निंदा करता है।
‘किसानों के वोट पाने के लिए चुनावी हथकंडा’
एसकेएम ने कहा मुखयमंत्री द्वारा भारतीय जनता पार्टी की एक रैली में आंशिक घोषणा किसानों के वोट पाने के लिए महज एक चुनावी हथकंडा है। यह स्वीकार्य नहीं है और हरियाणा के किसान जिन्होंने तीन कॉरपोरेट कृषि कानूनों का विरोध किया था, वे बीजेपी को इस विश्वासघात के लिए सबक सिखाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा राज्य एसकेएम 20 अगस्त को आगे का कदम तय करने के लिए बैठक करेगा। समूह ने कहा, एसकेएम यह सुनिश्चित करने के लिए गांव स्तर पर अभियान चलाएगा कि किसान और आम लोग आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी का पर्दाफाश करें, उसका विरोध करें और उसे दंडित करें।
‘2,300 रुपये प्रति क्विंटल का मौजूदा एमएसपी ए2 प्लस एफएल पर आधारित’
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए धान के लिए घोषित 2,300 रुपये प्रति क्विंटल का मौजूदा एमएसपी ए2 प्लस एफएल पर आधारित है। इसका आशय किसानों की लागत और उसके परिवार के श्रम के मूल्य से है। इस प्रकार, सी2 प्लस 50 प्रतिशत फॉर्मूले के आधार पर धान के लिए एमएसपी वर्ष 2024-25 के अनुसार 3,012 रुपये प्रति क्विंटल है। उन्होंने कहा, इस राशि की तुलना में ए2 प्लस एफएल प्लस 50 प्रतिशत का मूल्य 712 रुपये प्रति क्विंटल कम है। एसकेएम ने कहा वर्ष 2024-25 में हरियाणा में धान उत्पादन वर्ष 2023-24 के समान 54.1 लाख टन होने पर विचार करते हुए, राज्य के धान किसानों को 3,851.90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हरियाणा की 24 फसलों में से प्रत्येक में नुकसान का एक समान आकलन बीजेपी और नायब सिंह सरकार के असली किसान विरोधी चेहरे को उजागर करेगा।
सरकार ने एमएसपी पर 10 और फसलों को खरीदने की दी थी मंजूरी
बता दें कि हरियाणा मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 10 और फसलों को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिससे राज्य में एमएसपी पर खरीदी गई कुल फसलों की संखया 24 हो गई। हरियाणा विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं।
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एमएसपी की घोषणा वोट पाने के लिए, संयुक्त किसान मोर्चा का नायब सिंह सैनी सरकार पर बड़ा आरोप
Kulwant Singh
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