चंडीगढ/यूटर्न/13 अगस्त: चंडीगढ़ में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का असर जारी है, जिससे पीजीआई में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं। केवल फॉलो-अप के मरीजों को फैकल्टी द्वारा देखा जा रहा है, जबकि नए मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। हड़ताल की जानकारी न होने के चलते सैकड़ों मरीज अस्पताल पहुंच गए, लेकिन उन्हें इलाज न मिल पाने से निराश होकर लौटना पड़ा। इस हड़ताल के चलते मरीजों और उनके परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, जीएमसीएच-32 में भी रेजिडेंट डॉक्टरों की ओर से हड़ताल जारी है। दोपहर 1-00 बजे, रेजिडेंट डॉक्टर ए ब्लॉक में एकत्र होकर मार्च करेंगे। हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं, और डॉक्टरों की मांगों को लेकर अस्पताल प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। पीजीआई चंडीगढ़ में मंगलवार से नए मरीजों का पंजीकरण नहीं होगा। सिर्फ पुराने फॉलोअप मरीजों का सुबह 8 से 9-30 बजे तक पंजीकरण कर ओपीडी में परामर्श दिया जाएगा। पीजीआई प्रशासन ने रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए यह निर्णय लिया है। जब तक रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल चलेगी, तब तक फैकल्टी अकेले ही ओपीडी संभालेंगे। पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल का कहना है कि हम स्थिति की गंभीरता और रेजिडेंट डॉक्टरों की चिंताओं को समझते हैं। पश्चिम बंगाल की घटना स्वास्थ्य पेशेवरों के सामने आने वाली कमजोरियों की एक कड़ी की याद दिलाती है जबकि हम राष्ट्रव्यापी आंदोलन में एकजुटता से खड़े हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं कि रोगी देखभाल हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे इसलिए कुछ बदलाव किए गए हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ भी मरीज हित को ध्यान में रखकर लगातार वार्ता की जा रही है।
केवल इमरजेंसी से भर्ती होंगे मरीज
पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल ने कहा कि हड़ताल के मद्देनजर हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाया है कि मरीज़ों की सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। आपातकालीन ऑपरेशन थियेटर सेवाओं और गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) सेवाओं सहित आपातकालीन सेवाएं हमेशा की तरह चलती रहेंगी। गंभीर मामलों को संभालने के लिए रेजिडेंट डॉक्टर मौजूद रहेंगे। आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) सेवाओं में कटौती की जाएगी। नए मरीजों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। इनडोर प्रवेश केवल आपातकालीन मामलों के लिए ही सीमित रहेंगे।
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