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गुस्ताख़ी माफ़ 10.8.2024
मौसम वालों की अजी, ड्यूटी बड़ी महान।
जो मन में आया वही, लगा दिया अनुमान।
लगा दिया अनुमान, भले ना लागे सच्चा।
कह देंगे फिर यही, खा गये हम तो गच्चा।
कह साहिल कविराय, सभी हैं बैठे-ठाले।
कुछ भी देते हांक, क्यूट-से मौसम वाले।
प्रस्तुति — डॉ. राजेन्द्र साहिल