चंडीगढ़ : बेटा अपाहिज, पिता बीमार, दोनों ने जहरीला पदार्थ निगल कर ली आत्महत्या

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

मकान मालिक की पत्नी छोड़कर चली गई थी विदेश, बाकी परिजन भी रहते हैं वही

चंडीगढ़ 8 अगस्त। यहां सैक्टर 20-ए स्थित कोठी नंबर 271 में रहने वाले बीमारी पिता और अपाहिज बेटे ने आत्महत्या कर ली। दोनों ने कोई जहरीला पदार्थ निगला और उनके शव बिस्तर पर पड़े मिले। हालांकि उन्होंने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा, इसलिए आत्महत्या की सही वजह फिलहाल तक पता नहीं चल सकी।
पुलिस के मुताबिक मरने वाले सुरेंद्र सिंह और उनके बेटे हरमनप्रीत थे। सुरेंद्र सिंह लंबे समय से बीमार थे और चंडीगढ़ पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था। जबकि उनका बेटा हरमनप्रीत करीब 10-12 साल से बीमारी के चलते व्हील चेयर पर था। उसका इलाज भी पीजीआई में ही चल रहा था। इन्होंने अपने मकान में ऊपर के दो फ्लोर किराए पर दिए हुए थे। जिनमें पीजी चलाते थे। उसकी कमाई से ही उनका खर्च चलता था।
बताते हैं कि पुलिस कंट्रोल रुम में किसी ने पिता-पुत्र द्वारा आत्महत्या करने की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने पिता पुत्र के शवों को सैक्टर-16 अस्पताल में पहुंचाया। दोनों के शवों को मोर्चरी में रखा दिया गया। मौके पर अभी तक कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला। बताते हैं कि वीरवार सुबह जब दोनों पिता पुत्र घर से बाहर नहीं निकले तो लोगों को शक हुआ। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी।
परिजनों से संपर्क का प्रायस : पुलिस मृतक पिता-पुत्र के परिवार से संपर्क करने की कोशिश कर रही थी। दोनों मकान में अकेले रहते थे, लिहाजा देश-विदेश में उनके रिश्तेदारों का पता नहीं चल पा रहा। पुलिस को मृतकों के कमरे से मोबाइल फोन मिले हैं। साइबर एक्सपर्ट की मदद से मोबाइल फोन की लास्ट कॉल डिटेल और फोन में सेव नंबरों की जांच की जा रही है। उसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
————-

मुख्यमंत्री ने बाढ़ के मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष की आलोचना की कहा कि राज्य की जनता इन रीढ़विहीन अवसरवादी नेताओं को कभी माफ नहीं करेगी बाढ़ मानव निर्मित आपदा नहीं बल्कि एक प्राकृतिक आपदा थी राज्य के प्रति असंवेदनशीलता के लिए केंद्र की आलोचना की, कहा कि प्रधानमंत्री ने 1600 करोड़ रुपये की घोषणा करके पंजाबियों के साथ क्रूर मजाक किया दावा है कि एसडीआरएफ के 12,000 रुपये केवल नेताओं के एक वर्ग की कल्पना मात्र थे

मुख्यमंत्री ने बाढ़ के मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष की आलोचना की कहा कि राज्य की जनता इन रीढ़विहीन अवसरवादी नेताओं को कभी माफ नहीं करेगी बाढ़ मानव निर्मित आपदा नहीं बल्कि एक प्राकृतिक आपदा थी राज्य के प्रति असंवेदनशीलता के लिए केंद्र की आलोचना की, कहा कि प्रधानमंत्री ने 1600 करोड़ रुपये की घोषणा करके पंजाबियों के साथ क्रूर मजाक किया दावा है कि एसडीआरएफ के 12,000 रुपये केवल नेताओं के एक वर्ग की कल्पना मात्र थे

वित्त मंत्री चीमा ने पंजाब को बाढ़ सहायता के नाम पर भाजपा नीत केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की कहा, 1600 करोड़ रुपये के मामूली राहत पैकेज में से आज तक पंजाब को एक भी रुपया नहीं दिया गया कांग्रेस पर ‘लाशों की राजनीति’ का आरोप लगाया