हरियाना सरकार लावारिस पशुओं पर लगाम कसने में रही नाकाम,समाजसेवी संसथाओं ने डाला योगदान

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हरियाना/यूटर्न/4 अगस्त: हरियाना सरकार पिछले 10 सालों से सत्ता सुख ले रही है लेकिन कई प्रयासों के बावजूद सरकार लावारिस पशुओं पर लगाम कसने में नाकाम रही है। आए दिन लावारिस पशुओं की वजह से आम लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। बीते दो महीने के भीतर लावारिस पशुओं की वजह से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे राज्य में करीब 80 हजार लावारिस पशु हैं। इनमें अब तक सरकार 25 हजार पशुओं को गौशाला में भेजने में कामयाब हो पाई है। करीब करीब 55 हजार पशु अब भी सडक़ों पर हैं और लोगों की जान की दुश्मन बने हुए हैं। सरकार का दावा है कि इन पशुओं को गौशाला में भेजने का काम जारी है। अगले तीन महीने ये सभी लावारिस पशु गौशाला में होंगे। सरकार ने पिछले साल गोवंश को सडक़ों से हटाने का काम शुरू किया था। नगर निगम की जिंमेदारी तय की गई कि वह गोवंश को सडक़ों से पकडक़र नजदीकी गौशाला में भेजेंगे। सरकार ने इसके लिए रजिस्टर्ड गौशाला की जिंमेदारी तय की कि वह इन पशुओं को अपनी गौशाला में रखेंगे और उनकी देखरेख करेंगे। इसके लिए सरकार इन गौशाला को ग्रांट देने का प्रावधान किया। पिछले सात महीने में सबसे ज्यादा गोवंश भिवानी से 3844, गुरुग्राम से 2425, हिसार से 4602, कैथल से 2821 और महेंद्रगढ़ से 1028, रेवाड़ी से 829 और बाकी अन्य जिलों से हटाए गए। सडक़ों से हटाए जाने वाले पशुओं पर पशुपालन विभाग की ओर से गुलाबी टैग लगाया जा रहा है, ताकि उनकी पहचान बनी रही है।
लावारिस पशुओं के रखा 70 करोड़ का बजट
इस बार विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा भी सरकार के लिये कठिन होने वाला है। सडक़ों से हटाकर गौशाला में भेजे गए लावारिस जानवरों की देखरेख के लिए सरकार ने करीब 70 करोड़ का बजट रखा। इसके लिए सरकार ने प्रति पशु ग्रांट देने के लिए रेट भी तय किए। आयोग के मुताबिक प्रति गाय 30 रुपये, प्रति नंदी 40 रुपये ओर प्रति 20 रुपये बछड़े के लिए रखा गया और करीब पौने सात सौ गौशालाओं को यह ग्रांट भेजी जा रही है। राज्य सरकार के पास 675 रजिस्टर्ड गौशाला हैं और करीब 50 गौशाला बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही हैं।
डेयरी संचालक बन रहे परेशानी का सबब
55 हजार लावारिस पशुओं में एक हिस्सा उन गायों का है, डेयरी संचालकों की ओर से छोड़ी जाती है। डेयरी संचालक इन गायों का दूध निकालकर उन्हें सडक़ों पर छोड़ देती हैं और पूरे दिन गाय सडक़ों पर घूम करती है। निगम की टीम ने जब इन्हें उठानी जाती है तो कई बार तनाव की स्थिति बन जाती है। सरकार इनसे निपट नहीं पा रही है। गो सेवा आयोग का दावा है कि पहले लावारिस पशुओं को सडक़ों से हटाया जाएगा। उसके बाद डेयरी संचालकों पर शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए सरकार ने रणनीति भी तैयार कर ली है।
हिसार में सबसे ज्यादा हैं लावारिस पशु
गो सेवा आयोग के मुताबिक हिसार में लावारिस पशुओं की संखया सबसे ज्यादा है। आयोग के मुताबिक हिसार में करीब साढ़े नौ हजार लावारिस पशु हैं, जो सडक़ों पर घूमते रहते हैं। आयोग की ओर से हिसार में सबसे व्यापक अभियान चलाया गया है। इस जिले से अब तक 4602 पशुओं को गौशाला भेजा जा चुका है। वहीं, सबसे कम लावारिस जानवर मेवात में हैं।
दो महीने में बेसहारा पशुओं की वजह से हुए हादसे
1. करनाल में एसआई सूबे सिंह की कार के सामने बेसहारा पशु आने से 16 जुलाई 2024 को मौत हो गई थी। वह अलसुबह ड्यूटी देकर गांव कोल जा रहे थे, तभी सीतामाई के समीप हादसा हुआ।
2. 22 जुलाई 2024 की रात को करीब 12 बजे कंबोपुरा गांव के समीप बेसहारा पशु आने से ड्राई आईस से भरा एक कैंटर पलट गया था। हादसे में पंजाब पटियाला के गांव धड़मा कलां निवासी हरदीप सिंह और हेल्पर सोहन सिंह की मौत हो गई थी।
3.पानीपत में 11 जून को सीए एसोसिएशन के पूर्व प्रधान सेक्टर-29 निवासी अंकुश बंसल की कार के सामने सेक्टर-25 में हनुमान मंदिर के पास टर्न लेते समय सांड़ आ गया था। हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
4..28 जून को यमुना एन्क्लेव में दो सांड लड़ रहे थे। यहां से गुजर रहे एक बुजुर्ग पर सांड ने हमला कर दिया था। इसमें बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गया था।
5. कुरुक्षेत्र में 27 जुलाई को बेसहारा गाय ने एक बुजुर्ग महिला को पटक-पटक कर मौत के घाट उतार दिया था। महिला गुरदीप कौर 65 निवासी पटेल नगर अपने घर के बाहर खड़ी थी। इसी दौरान गाय ने महिला पर हमला किया था।
6. 05 जुलाई को गुरुनानकपुरा मोहल्ला में भी एक गोवंश ने जगदीश अरोड़ा को घर के बाहर ही उठाकर पटक दिया था, जिसमें वह घायल हो गया था।
7.18 जुलाई को हांसी की रेगर बस्ती में घर के बाहर खेल रहे साढ़े तीन वर्ष के एक बच्चे को बेसहारा गाय ने उठा कर पटक दिया। इसके बाद भी गाय उसे फिर से पटकने की कोशिश करने लगी। तभी वहां से गुजर रहे ई रिक्शा चालक ने बच्चे को ई रिक्शा में बिठा लिया। इसके बाद भी गाय उसे मारने का प्रयास करती रही।
8.सात जुलाई को हांसी में गीता चौक के पास महम निवासी सुनील बेसहारा पशु की चपेट में आने से घायल हो गया था।
9. 0 मई को निरंकारी भवन के समीप बेसहारा गाय ने एक व्यक्ति को पटक कर घायल कर दिया था। इसके बाद एक स्कूटी सवार व महिला पर भी हमला किया था। जिसमें वह दोनों बाल बाल बच गए थे।
अधिकारी के अनुसार
श्रवण कुमार गर्ग, अध्यक्ष हरियाणा गौ सेवा आयोग ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हरियाणा में एक भी लावारिस पशु सडक़ों पर न रहे। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक 25 हजार से ज्यादा लावारिस पशुओं को गौशाला भेजने में कामयाब रहे हैं। इसके लिए गौशाला बनाई जा रही हैं। 2014 में राज्य में 215 गौशाला थे, जबकि 2024 तक 675 गौशालाओं का निर्माण किया जा चुका है। इन गौशालाओं में साढ़े चार लाख से ज्यादा गोवंश हैं। जबकि 2014 में कुल 175895 गोवंश गौशाला में था। आबादी को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी का भी अभियान चलाया जा रहा है। मुझे उंमीद है कि अगले तीन महीने में राज्य के सभी गोवंश को हम गौशालाओं में भेज देंगे।
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