हरियाना/यूटर्न/4 अगस्त: हरियाणा के सिरसा में डेरा जगमालवाली में गद्दी को लेकर विवाद में डेरामुखी के भतीजे अमर सिंह और महाराज विरेंद्र सिंह के साथी लहरी सोशल मीडिया पर आमने-सामने हो गए। अमर सिंह ने सोशल मीडिया पर डेरा प्रमुख की मौत को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। कहा कि चिकित्सकों की रिपोर्ट के अनुसार डेरा प्रमुख की मौत 21 जुलाई को हार्ट फेल होने से हो चुकी थी। मौत को 11 दिन तक छिपाकर रखा गया। अमर सिंह ने कहा कि चोला छोडऩे के 11 दिन बाद डेरे में लाया जाता है जो कई सवाल खड़ा करता है। आखिरकार डेरा प्रमुख को चोला छोडऩे के बाद सीधे डेरे में लाने और संगत को बताने के बजाय गुमराह करने का कारण क्या है। एक अगस्त को उनकी मौत दिखाकर तुरंत डेरे में अंतिम संस्कार की योजना क्यों बनाई गई। पुलिस को दी है शिकायत, कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे। वही भाजपा भी इस डेरे का समर्थन हर बार चुनावों में लेती है,जिस कारण विरोधी भाजपा पर भी स्वाल उठा रहे है।
अमर सिंह ने कहा कि जब डेरा प्रमुख को डेरे में लाया गया तो उनका बॉडी डी-कंपोज होने लगी थी। हाईकोर्ट के वकीलों के साथ सारे घटनाक्रम और दस्तावेजों को लेकर बातचीत की जा रही है। जल्द ही हम उच्च न्यायालय जाएंगे। अमर सिंह ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत दी है। देश के नए आपराधिक कानूनों के हिसाब से पुलिस 15 दिन जांच करेगी। इसके बाद केस दर्ज करेगी। हमें कानून पर पूरा भरोसा है।
—————–
