आ चुका रामराज ! यह तो सिर्फ पूर्वाचंल की झाकी है, बाकी प्रदेश तो अभी बाकी है
देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपराध के मामले में जीरो-टॉलरेंस का दावा करते हैं। उनके दावे पर भरोसा करें तो वाकई यूपी में योगीराज के चलते ही अब तो रामराज आ चुका है। अब जरा, जमीनी-हकीकत जान लीजिए। यूपी-बिहार बॉर्डर पर बलिया जिले के नरही थाना इलाके में चल रहे वसूली के काले कारनामे का सफेद सच सुनकर आप वाकई दंग रह जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस थाने में एक दिन में करीब 15 लाख रुपये ट्रकों से वसूली आती थी। यानि कि एक महीने में 4.5 करोड़ और साल भर में 54 करोड़ रुपये की कमाई होती थी। कुल मिलाकर इस थाने की सालाना अवैध कमाई 54 करोड़ रुपये थी। पूर्वांचल ही नहीं, यह उत्तर प्रदेश के सबसे कमाऊ थानों में से एक था। गत दिनों इस पूरे वसूली के नेटवर्क को वाराणसी जोन के एडीजी और तेज तर्रार आईपीएस पीयूष मोर्डिया ने आजमगढ़ के डीआईजी वैभव कृष्ण के साथ मिलकर ध्वस्त किया।
कई दिनों से पुलिस को शिकायत मिल रही थी कि बलिया के नरही थाना क्षेत्र के भरौली तिराहे के पास से वसूली का पूरा गैंग चलता है। पुलिस की सरपरस्ती में दलाल ट्रकों से वसूली करते हैं। मिनिमम 500 रुपये ट्रक वसूला जाता है। जिसमें से 400 रुपये नरही थाना अध्यक्ष पन्नेलाल को जाते थे और 100 रुपया दलाल रखते थे। नया पुल बनने के बाद रोजाना करीब तीन हजार ट्रक गुजरते थे। इसमें सबसे ज्यादा लाल बालू यानि रेत के ट्रक होते थे। बाकी इसी रास्ते पशु तस्करी और शराब तस्करी भी होती थी।
इस इनपुट के बाद पहले जानकारी जुटाई गई और फिर 22 पुलिसकर्मियों को मिलाकर पांच टीम बनी। बीते बुधवार की रात करीब 9 बजे वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया वाराणसी से दो टीम लेकर बलिया के लिए निकले तो डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण तीन टीमों के साथ आजमगढ़ से बलिया निकले। आधी रात के बाद सभी भरौली तिराहे पहुंचे और उनके सामने ही वसूली का यह खेल चल रहा था। हालांकि प्लान के मुताबिक फौरन कोई एक्शन नहीं लेना था।
पूरी टीम वसूली को अपनी आंखों से देखते हुए गंगा पुल से होते हुए बिहार के बक्सर पहुंची। गंगा नदी पर बना यह नया पुल एक तरफ बलिया तो दूसरी तरफ बक्सर को जोड़ता है। बक्सर पहुंचने के बाद टीम ने वहां का मुआयना किया और उसके बाद एक्शन की शुरुआत हुई। टीम वापस उसी पुल पर लौटी और देखा कि भरौली तिराहे पर एक सिपाही ट्रक से पैसे वसूल रहा है। टीम ने सिपाही को पकड़ा और पूछताछ की। सिपाही ने बताया कि भरौली तिराहे से गाजीपुर की रोड पर कोरंटाडीहा पुलिस चौकी पर भी वसूली होती है। यह पूरी चौकी भी नरही थाने में लगती है। इसके बाद गाड़ियों को छोड़कर एडीजी पीयूष मोर्डिया, डीआईजी वैभव कृष्ण और एक इंस्पेक्टर ट्रक में खलासी बनकर बैठ गए। करीब 5 किलोमीटर बाद जब कोरंटाडीहा पुलिस चौकी आई और उनका ट्रक बैरियर पर रोका गया। सादे कपड़ों में तैनात दो लोगों ने उनसे भी 500 रुपये की मांग की। इसके बाद ट्रक से कूद कर एडीजी, डीआईजी और इंस्पेक्टर ने दोनों को पकड़ लिया। उसके बाद ताबड़तोड़ चौकी से लेकर भरौली तिराहे तक गिरफ्तारियां हुईं। इसमें तीन पुलिसकर्मी समेत 16 लोग पकड़े गए, सबको थाने लाया गया।
नरही थाना अध्यक्ष पन्नेलाल थाने पर नहीं मिला, उसका कमरा सील कर दिया गया। थाना अध्यक्ष फिलहाल फरार हो गया। निरीक्षक सुशील कुमार की तहरीर पर नरही के थानाध्यक्ष पन्नेलाल और कोरंटाडीह के चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर सहित सात पुलिसकर्मी के अलावा 16 दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस ख़बर के सामने आने के बाद यूपी में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा कि उत्तर प्रदेश में हो रहा है नया खेल। पहले होता था ‘चोर-पुलिस’ और भाजपा राज में हो रहा है ‘पुलिस-पुलिस’ वाला खेला। यह अपराध के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस का भंडाफोड़.” है। हालांकि सियासी-चलन के मुताबिक राज्य की योगी सरकार और भाजपा नेता एक सुर में आधा ग्लास खाली की बजाए भरा दिखाते, इसे भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ बड़ा क़दम बता रहे हैं।
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