केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने कहा, सोनिया कहां से आईं, बहस बजट पर शुरु हुई, फिर सांसद-मंत्री निजी हमलों पर उतरे
नई दिल्ली 25 जुलाई। वीरवार को लोकसभा में अजीबो-गरीब हालात पैदा हो गए। जालंधर से कांग्रेसी सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बजट को लेकर बीजेपी पर खूब सियासी हमले किए। हालांकि बहस सरकार से शुरु कर चन्नी ने केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू पर निजी हमला बोल दिया पहुंच गई।
जिसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री बिट्टू भी तैश में आकर चन्नी पर संवेदनशील आरोप लगाने लगे। दोनों के बीच तीखी बहस इस हद तक बढ़ी कि लोकसभा स्पीकर को सदन की कार्यवाही दोपहर बाद तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। चन्नी ने बोलते कहा कि बीजेपी और ईस्ट इंडिया कंपनी में कोई अंतर नहीं है। उनमें सिर्फ रंग का अंतर है। इस पर बिट्टू ने सांसद चन्नी पर उंगली उठाई। जिसके बाद चन्नी ने सदन में कहा कि बिट्टू के दादा पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह शहीद हुए थे, लेकिन वह उस दिन नहीं मरे, वह तो उस दिन मरे जिस दिन आपने कांग्रेस छोड़ी थी।
इस दौरान कार्यकारी सदन अध्यक्ष संध्या राय ने सीएम चन्नी को व्यक्तिगत टिप्पणी करने से रोका। चन्नी ने जवाब दिया कि बिट्टू बीच में टोक रहे हैं और उन्हें परेशान कर रहे हैं। इस पर बिट्टू भी तैश में आ गए। उन्होंने चन्नी की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके दादा ने कांग्रेस के लिए नहीं, देश के लिए कुर्बानी दी थी। इसके साथ ही उन्होंने चन्नी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह गरीबी की बात कर रहे हैं। पूरे पंजाब में देखा जाए तो उनसे ज्यादा अमीर और भ्रष्ट कोई आदमी नहीं है, तो वह अपना नाम बदल लें। उनका नाम मी-2 में है, सभी मामलों में उनका नाम है। हजारों करोड़ के मालिक यह चन्नी किसे गोरा कह रहे हैं। सोनिया गांधी पहले बताएं कि वह कहां से आई हैं।
चन्नी के हमले तो रहे जोरदार : सांसद चन्नी ने पहले तो सत्ता पक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि सदन में बजट पर बहस हो रही है। जबकि सदन में ना तो मंत्री, ना ही वित्त मंत्री और ना ही प्रधानमंत्री मौजूद हैं। इस बजट में पंजाब के लिए कुछ नहीं दिया गया। जालंधर का चमड़ा और खेल उद्योग डूब रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। रेलवे अंडरब्रिज की कोई बात नहीं हुई। नशा इतना फैल चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पीएम ने खुद कहा था कि आदमपुर एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया। केंद्र ने बजट में 32 लाख करोड़ की आय और 48 करोड़ रुपए का खर्च बताया है। 16 लाख करोड़ का घाटा होगा, इसकी बर्बादी तय है। भाजपा के लोग उस बर्बादी को सुनिश्चित कर रहे हैं। सांसद चन्नी ने सवाल उठाया कि केंद्र इस साल 14 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेने की बात कर रहा है, ऐसे में अगर वह हर साल कर्ज लेगा तो देश कहां जाएगा। यह देश का फाइनेंशियल इमरजेंसी है।
सांसद चन्नी ने सदन में मूसेवाला, अमृतपाल और किसानों का अहम मुद्दा चंद शब्दों में उठाया। चन्नी ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल है। देश में गायक मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उनका परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहा है। पिछले 10 सालों में पेट्रोल की कीमत 23 रुपए और डीजल की कीमत 35 रुपए प्रति लीटर थी। जबकि मनमोहन सिंह के समय से कच्चे तेल की कीमत में 20 डॉलर प्रति बैरल की कमी आई है। पेट्रोल बढ़ रहा है या कंपनियों की आय बढ़ रही है? गरीबों को लूटा जा रहा है। 50 लीटर पेट्रोल भरवाने पर सरकार को 2000 रुपए का घाटा होता है। हर व्यक्ति यात्रा के लिए सरकार को 4 रुपए प्रति किलोमीटर दे रहा है, लेकिन सरकार 16 लाख करोड़ रुपए के घाटे में बैठी है।
यहां से भटके चन्नी : बजट पर बहस फोकस ना रखते हुए चन्नी कहने लगे कि पंजाब में 20 लाख लोगों द्वारा सांसद चुने गए अमृतपाल सिंह पर एनएसए लगाकर उन्हें अंदर रखा गया है। वह यहां अपने क्षेत्र के लोगों की बात नहीं रख पा रहे हैं, यह इमरजेंसी है। उन्होंने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अगर किसान अपने हक की बात करते हैं तो उन्हें खालिस्तानी कहा जाता है। किसानों को दिल्ली आने से रोका जा रहा है। फिर उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री बिट्टू पर निजी हमला बोल दिया।
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