दरअसल हाईकोर्ट में लगे इलैक्ट्रानिक सिक्योरिटी गेट नहीं करते है काम, जनहित याचिका पर कोर्ट गंभीर
चंडीगढ़ 25 जुलाई। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जज, वकील, स्टाफ व आम लोग सुरक्षित नहीं हैं, क्योंकि इलैक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी गेट काम नहीं करते हैं।
दरअसल आरटीआई के माध्यम से एक याची को जवाब मिला था कि इलैक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी गेट सुचारु रूप से काम कर रहे हैं। यह गुमराह करने वाला जवाब मिलने के बाद सैक्टर-21 निवासी राजेश गर्ग ने जनहित याचिका एडवोकेट नेहा मठाड़ू और मनदीप सिंह के जरिए दाखिल की। चीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस विकास सूरी पर आधारित बैंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सुरक्षा से जुड़े इस मामले को पूरी गंभीरता से लेते हुए जवाब-तलबी की है।
जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट को रजिस्ट्रार जनरल के जरिए चंडीगढ़ प्रशासन, कार्यकारी अभियंता बिजली विभाग सैक्टर-तीन और डीएसपी सिक्योरिटी विंग, सैक्टर-29 को पार्टी बनाया गया है। याचिका में बताया गया कि याची ने अन्य हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का दौरा किया। जहां इलैक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी सिस्टम बहुत मजबूत है। एंट्री कार्ड स्कैन करने के बाद ही प्रवेश मिलता है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण स्कैन करते हैं, जिसके बाद ही गेट खुलते हैं। जबकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में ऐसा नहीं है। हालांकि यह दो राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश का हाईकोर्ट है।
बताते हैं कि हाईकोर्ट की ओर से पेश वकील ने सिक्योरिटी कमेटी की 11 अक्तूबर, 2023 को सुरक्षा समीक्षा बैठक के मिनट्स पेश किए। कोर्ट ने कमेटी से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। जिसमें प्रवेश और निकास द्वारों की सुरक्षा को लेकर क्या उपाए किए जा सकते है, यह जानकारी मांगी गई है।
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