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सेंट्रल पूल से पंजाब ने 2.02 प्रतिशत के हिसाब से मांगा हिस्सा, वित्त आयोग के समक्ष उठाया मुद्दा

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सूबे के वित्तमंत्री चीमा बोले, 16वें वित्त आयोग से पंजाब सरकार ने मांगा है स्पेशल पैकेज

चंडीगढ़/यूटर्न/25 जुलाई। पंजाब के दौरे पर आई 16वें वित्त आयोग की टीम से राज्य की आप सरकार ने स्पेशल पैकेज की मांग की है। जिसमें सरकार का खास फोकस फसलों के विविधीकरण और प्रदेश के सरहदी इलाकों में उद्योगों को बढ़ावा देने पर रहा है। ताकि सरहदी इलाकों में उद्योगों को स्थापित कर युवाओं को रोजगार देकर क्षेत्र के विकास के साथ ही उन्हें नशों से दूर रखा जा सके।

सूबे के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने16वें वित्त आयोग की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में यह कहा। साथ आयोग को सौंपे अपने मेमोरेंडम को लेकर कहा कि पंजाब ने सेंट्रल पूल में से 16वें वित्त आयोग से 2.02 प्रतिशत के हिसाब से अपनी हिस्सेदारी की मांगी है। जबकि 15वें वित्त आयोग ने पंजाब को 1.807 फॉर्मूले के आधार पर सेंट्रल पूल में से टैक्स का बंटवारा किया था। प्रदेश की 33 प्रतिशत अनुसूचित जाति की आबादी के लिए सरकार ने कुल जनसंख्या के आधार में से पांच प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2.50 प्रतिशत की अलग से मांग की है।

वित्त मंत्री ने बताया कि 2.02 प्रतिशत के हिसाब से पंजाब ने सेंट्रल टैक्स में से अपना हिस्सा मांगा है। ताकि 16वें वित्त आयोग के समक्ष सरकार की ओर से रखे 1,32,247 करोड़ रुपये के स्पेशल पैकेज की मांग को पूरा किया जा सके। जनसंख्या के आधार पर 15वें वित्त आयोग में 15 प्रतिशत की मांग की थी। जबकि इस बार सरकार ने इसमें पांच प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिए और 2.50 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से रखा है। दरअसल प्रदेश में इन दोनों वर्ग के लोगों के विकास और जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार का खास फोकस है।
पंजाब ने इसके अलावा अटारी-वाघा बॉर्डर से सेंट्रल एशिया स्टेट के लिए व्यापार के रास्ते दोबारा खोलने के लिए कहा गया है। ताकि यहां से अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, ईरान, ईराक और अन्य देश के बीच सदियों से चल आ रहे कारोबार को शुरू कर सकें। इससे पंजाब उद्योग और व्यापार के जरिए अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकेगा। उन्होंने कहा कि व्यापार तो आज भी पाकिस्तान के साथ हो रहा है, लेकिन पंजाब से कारोबार का रास्ता बंद कर यह गुजरात के रास्ते किया जा रहा है।

इन एरिया पर रखा फोकस : वित्तमंत्री चीमा ने कहा कि सरहदी इलाकों में खासकर गुरदासपुर, पठानकोट, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का का एक बड़ा हिस्सा बॉर्डर से जुड़ा है। इसलिए पैकेज में इन पांच जिलों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर पंजाब के उद्योगों को भी टैक्स में विशेष छूट देने की मांग की है। दरअसल जिस प्रकार हिमाचल और जेएंडके सरहदी इलाके हैं, उसी तरह पंजाब भी वैसी ही चुनौतियों का सामना करता है।

कर्ज कम करने का वादा : पंजाब सरकार ने आयोग के समक्ष अपने पूंजीगत व्यय को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 1.50 प्रतिशत तक बढ़ाने का दावा किया। पूंजीगत व्यय के के तहत सरकार मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा आदि के विकास पर खर्च करेगी। इसके अलावा सरकार द्वारा भूमि जैसी अचल संपत्तियों के अधिग्रहण और भविष्य में लाभ या लाभांश देने वाले निवेश किए जाएंगे। सरकार ने अपने कर्ज को कम करने का वादा भी आयोग से किया गया। वह अपने कर्ज को एक से डेढ़ प्रतिशत तक जीएसडीपी के अनुसार करेंगे। इसके अलावा अपने राजस्व को बढ़ाने की बात कही है।

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