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केंद्रीय बजट में पंजाब की मांगों को नज़रंदाज़ करने से राज्य के उद्योग-व्यापार में है निराशा

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केंद्रीय मंत्री सीतारमण और बिट्टू लुधियाना में व्यापारियों से किए वायदे पूरे करें : मेहरा

लुधियाना 25 जुलाई। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के ज़िला मुख्यालय माता रानी चौक में बैठक रखी गई। जिसमें केंद्र सरकार के आम बजट से उद्योग-व्यापार वर्ग से जुड़े लोगों में निराशा को लेकर रोष जताया गया।

इस मौके पर व्यापार मंडल राज्य महासचिव व राष्ट्रीय  व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य सुनील मेहरा, महासचिव और भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय सचिव आयुष अग्रवाल, उपाध्यक्ष पवन लहर, प्रधान प्रवीण गोयल, अरविंद जैन, अश्वनी महाजन, परवीन शर्मा शामिल थे। इस मौके पर मेहरा और अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष सरकार का बजट महिला शक्ति, किसान, नौजवान और उनके लिए नौकरियां, संशोधन व विनिर्माण पर ज़्यादा केंद्रित रहा, यह सरहनीय पहल है।

इन नेताओं ने रोष जताया कि सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद पंजाब की कई मांगों को इस बजट में नज़रंदाज़ किया गया। सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश को स्पेशल पैकेज और फंड देकर बाक़ी राज्यों को नज़रंदाज़ ही कर दिया। पंजाब पहले से ही उद्योग-व्यापार कम होने की मार झेल रहा है, उस पर यहां क़ानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ गई हैं। जिसका सीधा असर उद्योग-व्यापार पर पड़ रहा है। इस समय पंजाब के उद्योगपतियों-व्यापारियों ने केंद्र सरकार से उम्मीद लगाई थी कि बजट में पंजाब को इकोनॉमिक पैकेज दिया जाएगा। जो सीधा उद्योग-व्यापार को मिलेगा, ना कि राज्य सरकार को दिया जाएगा।

मेहरा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू , केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सितारमण ने लुधियाना में कहा था कि पंजाब का उद्योगिक केंद्र लुधियाना है। इन मंत्रियों ने जो उद्यमियों-व्यापारियों से वायदे किए थे, वो इस बजट में पूरा नहीं हुए। आयकर अधिनियम 43-बी एच पर कोई प्रतिक्रिया  इस बजट में नहीं दी गई। केवल अगले छह महीने के लिए आयकर अधिनियमों को दोबारा से परिभाषित करने की बात की गई।

व्यापार मंडल के ओहदेदारों ने कहा कि पंजाब में उद्योग-व्यापार को बढ़ावा मिले। ताकि यह नौकरियां भी बढ़ाई जा सकें, लेकिन बजट में इसका कोई प्रावधान नहीं है। पिछले छह वर्षों में छह लाख से भी अधिक नौजवान पंजाब छोड़कर दूसरे राज्यों के अलावा विदेश चले गए। कुशल श्रम और सुविधाओं के अभाव में पंजाब से भी कई उद्योगिक इकाइयां पलायन कर चुकी हैं। इस बजट से पंजाब के व्यापारियों को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन सब चकनाचूर हो गईं। पंजाब की बिगड़ती औद्यौगिक-व्यापारिक हालत की ज़िम्मेदार राज्य सरकार ही नहीं, केंद्र सरकार भी है।

दिल्ली में जुटेंगे व्यापारी : मेहरा ने कहा कि 9 अगस्त को दिल्ली में सारे देश के व्यापारी इकट्ठे होने वाले हैं। जहां पंजाब के व्यापारियों की मांगों को ज़ोर शोर से रखा जाएगा। साथ ही सरकार का ध्यान पंजाब की ओर खींचा जाएगा।

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