शत्रुंजय तीर्थ की स्पर्शना करने पर किसी भी भव में अवश्य मोक्ष प्राप्त होगा – साध्वी श्री पुनीतयशा जी

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लुधियाना 22 जुलाई। श्री आत्मानंद जैन सभा लुधियाना के तत्वावधान और श्री आत्मानंद जैन महासमिति द्वारा श्रीमद् आत्म वल्लभ समुद्र इंद्र सूरीश्वर जी महाराज के क्रमिक पट्‌टधर वर्तमान गच्छाधिपति शांतिदूत जैनाचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी महाराज की आज्ञानुवर्तिनी शांत स्वभावी विदुषी साध्वी संपत श्री जी महाराज की सुशिष्याएं सरल स्वभावी साध्वी चंद्रयशा श्री जी महाराज, प्रवचनदक्षा साध्वी श्री पुनीतयशा जी महाराज श्री आत्म वल्लभ जैन उपाश्रय, पुराना बाजार में चातुर्मास हेतु विराजमान हैं। इस दौरान साध्वी श्री पुनीतयशा श्री जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि भवी आत्मा किसी न किसी भव में अवश्य मोक्ष प्राप्त करती है। जिसने शत्रुंजय तीर्थ की स्पर्शना की वो किसी भव में अवश्य मोक्ष प्राप्त करेगा। एक एक कदम तीर्थ की और बढ़ाने से करोड़ों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। घर बैठे बैठे भी जो इस तीर्थ का स्मरण करता है, वो पाप करमों को क्षीपत करता है, प्रभु चरणों का स्पर्श करने वाला भी पूजक बन जाता है। इस अवसर पर श्री आत्मानंद जैन सभा के कार्यकारी प्रधान गुलशन जैन गिरनार ने कहा कि चातुर्मास के दौरान भारी संख्या में जैन समाज के लोग साध्वी जी के प्रवचन सुनने पहुंच रहे हैं।

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