watch-tv

आम बजट : लुधियाना के ज्यूलर्स चाहते हैं सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी की जाए कम, ताकि राहत मिले

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

मनमोहन सरकार की तुलना में अब करीब चार गुना है इंपोर्ट ड्यूटी, सोने की तस्करी कैसे रुके ?

लुधियाना 22 जुलाई। आम बजट को लेकर समाज का हर वर्ग राहत पाने की आस लगाए हुए है। लुधियाना ज्यूलर्स एसोसिएशन भी चाहती है कि सोने पर लगने वाली भारी-भरकम इंपोर्ट ड्यूटी कम होनी चाहिए। एसोसिएशन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से ऐसी उम्मीद कर रही है।
एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आनंद सीकरी रोष जताते हैं कि इंपोर्ट ड्यूटी बहुत ज्यादा होने से ज्यूलरी ट्रेड पर गलत असर पड़ रहा है। मौजूदा वक्त सोने पर 15 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। जबकि 3 फीसदी जीएसटी का प्रावधान है। कुल मिलाकर 18 फीसदी टैक्स का बोझ पड़ता है।
एसोसिएशन के महासचिव मनोज ढांडा तर्क बताते हैं कि मनमोहन सरकार के कार्यकाल में गोल्ड पर महज चार फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगती थी। जबकि सिर्फ एक फीसदी वैट का प्रावधान था। मौजूदा सरकार का यह तर्क समझ से परे है कि सोने की बिक्री का आंकड़ा बढ़ा ही है। यहां गौरतलब पहलू है कि सोने की कीमत बढ़ने की वजह से उसकी बिक्री कीमत के नजरिए से जरुर बढ़ी है। जबकि तादाद यानि वजन के नजरिए से उसमें कमी ही आई है।
ज्वैलरी कारोबारी दिनेश जैन कहते हैं कि इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर अधिकतम 6 फीसदी रखा जाए। ताकि इस ट्रेड को बढ़ावा मिल सके। ज्वैलरी कारोबारी पवन कुमार चिंता जताते हैं कि सोने की स्मगलिंग इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने के बाद से और बढ़ गई। तस्करी रोकने के लिए सरकार को कोई ठोस नीति बनानी चाहिए। इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाना इसका कोई हल नहीं है।
एसोसिएशन के महासचिव ढांडा के मुताबिक गैर-अधिकारिक आंकड़ों के जरिए यह बात सामने आई कि देश में करीब 30 हजार टन सोना लोगों के पास है। सरकार इस तरफ गौर करते हुए कोई ऐसी नीति अपनाए कि यह सोना बाहर आ सके। वह रोष जताते हैं कि अकसर ज्यूलरी कौंसिल केंद्र सरकार से मीटिंग कर फीडबैक देती रहती है, लेकिन उसके कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आ पाते हैं। अब आम बजट में अगर ज्यूलरी ट्रेड को भी कोई राहत मिले तो ज्यूलरी मार्केट में भी बूम आ सकता है।
———-

Leave a Comment