watch-tv

गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति और धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है : गुरु माँ साध्वी ऋतंभरा

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

रिपोर्ट :रविंद्र आर्य

मथुरा 21 July : गुरु पूर्णिमा के महोत्सव में वात्सल्य ग्राम मीरा माधव रिसोर्ट वृंदावन मे गुरु माँ साध्वी ऋतंभरा प्रवचन से सम्बोधित करते हुए, उनहोंने गुरु पूर्णिमा का महत्व बताया। उनका मानना है कि गुरु पूर्णिमा का उत्सव हमें यह स्मरण कराता है कि जीवन में गुरु का स्थान सर्वोपरि है और उनके बिना आत्मिक उन्नति संभव नहीं है। गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति और धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो गुरु के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। साध्वी ऋतंभरा के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का महत्व कई पहलुओं में निहित है:

 

1. *गुरु का आदर*: गुरु पूर्णिमा हमें अपने गुरु के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करने का अवसर देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि गुरु ही हमें अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं।

 

2. *आध्यात्मिक विकास* : गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का आशीर्वाद लेना विशेष महत्व रखता है। साध्वी ऋतंभरा के अनुसार, गुरु का आशीर्वाद हमारे आध्यात्मिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

 

3. *संस्कार और परंपरा*: यह दिन भारतीय संस्कृति में संस्कार और परंपराओं को बनाए रखने का भी प्रतीक है। गुरु पूर्णिमा के माध्यम से हम अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति अपनी निष्ठा को प्रकट करते हैं।

4. *स्व-अध्ययन और आत्मनिरीक्षण*: गुरु पूर्णिमा का दिन स्व-अध्ययन और आत्मनिरीक्षण का भी समय होता है। साध्वी ऋतंभरा के अनुसार, यह दिन हमें अपने जीवन में सुधार करने और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

5. *समर्पण और सेवा*: यह दिन हमें समर्पण और सेवा की भावना को भी बढ़ावा देता है। अपने गुरु के प्रति समर्पण और उनके शिक्षाओं का पालन करना हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।

Leave a Comment