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कुदरत के खेल निराले : वक्त से पहले चला गया टैक्नो-सुपर स्टार आर्यमन

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लुधियाना के आर्यमन वर्मा ने महज 13 साल की उम्र में ड्रोन बनाकर गिनीज बुक में दर्ज कराया था अपना नाम

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प्लस टू कर आगे पढ़ाई करने अमेरिका गए आर्यमन का 19 साल की उम्र में ब्लड कैंसर से हो गया निधन

नदीम अंसारी

लुधियाना 19 जुलाई। वाकई कुदरत के खेल निराले होते हैं, कब किसी हंसते-खेलते परिवार पर उसका कहर टूट पड़े, कह नहीं सकते। महानगर के शहीद उधम सिंह नगर में रहने वाले कारोबारी नवीन वर्मा के परिवार पर कुछ ऐसा ही कुदरती कहर टूटा है। करीब एक साल पहले वर्मा दंपति ने अपने होनहार बेटे आर्यमन वर्मा को बड़े अरमानों से आगे की पढ़ाई के लिए करीब एक साल पहले अमेरिका भेजा था। जहां महज 19 साल के इस ‘टैक्नो-सुपर स्टार’ का ब्लड कैंसर जैसी नामुराद बीमारी से निधन हो गया।

आर्यमन शुरु से रहा प्रतिभाशाली : वर्मा परिवार के नजदीकी भी आर्यमन की बचपन से प्रतिभा देख खुश होते थे। इंडस्ट्रियलिस्ट व एक्टिविस्ट राहुल वर्मा ने बताया कि उनका बेटा कार्तिकेय वर्मा पंपकिन प्लेवे से ही आर्यमन का क्लासमेट था। फिर दोनों बच्चे महानगर के प्रतिष्ठित सत पॉल मित्तल स्कूल में एकसाथ 12वीं क्लास तक पढ़े। अचानक इतनी कम उम्र में प्यारे दोस्त आर्यमन के दुनिया से चले जाने पर मेरा बेटा कार्तिकेय वर्मा बेहद गमगीन है। हमें खुद अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि अब वो होनहार बच्चा दुनिया में नहीं रहा। नजदीकी बताते हैं कि इसी साल के अप्रैल महीने में अमेरिका में पढ़ रहे आर्यमन के बारे में डरा देने वाली खबर वहां से आई। पता चला कि उसे ब्लड कैंसर हो गया है। उसके पापा-मम्मी, बामा इनफोटेक के मालिक नवीन वर्मा और एक इंस्टिट्यूट चला रही डिंपल वर्मा की खुशियां तो चिंता में बदल गईं। बताते हैं कि जब 15 जुलाई को आर्यमन ने अमेरिका में ही इलाज के दौरान ही जब आखिरी सांसें लीं तो उसके पेरेंट्स एक दिन पहले ही अमेरिका वापस गए थे। दरअसल वह उसके इलाज के लिए काफी समय से वहीं थे। नजदीकियों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह उसकी डैडबॉडी साथ लेकर उसके पापा दिल्ली पहुंच गए थे। शनिवार 20 जुलाई की सुबह महानगर के सिविल लाइंस स्थित श्मशानघाट में आर्यमन का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

आर्यमन ऐसे बना टैक्नो-सुपर स्टार :

–महज 13 साल की उम्र में आर्यमन ने ड्रोन निर्माता के तौर पर पहचान बनाई। तब वह सत पॉल मित्तल स्कूल में आठवीं कक्षा का छात्र था। उसने ड्रोन बनाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बनने का रिकॉर्ड तोड़ा। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया। फिर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। आर्यमन ने 70 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम क्वाडकॉप्टर बनाकर रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाबी हासिल की। ​​

–इसके अलावा चौथी क्लास में साल 2015 में आईआईटी दिल्ली में आन द स्पॉट गेम मुकाबले में आर्यमन ने कार्तिकेय व सृजन चोपड़ा के साथ रोबोट बनाया। इस मुकाबले में उनकी टीम तीसरे स्थान पर रही।

–कोरोना काल में घर में कैद होने के बावजूद 10वीं क्लास में पढ़ रहे आर्यमन ने नया एयर प्यूरीफायर रोबोट बना डाला।

–14 साल के आर्यमन ने इसरो के युविका-2019 प्रोग्राम में बतौर यंग साइंटिस्ट हिस्सा लिया था।

–2016 में रोबोटिक एजुकेशन प्रोग्राम विज रोबोट में आर्यमन ने हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था।

सबका मन दुखी कर गया आर्यमन :

लुधियाना में आर्यमन के क्लासमेट रहे और उसके हुनर के चलते उसके फैन बने तमाम युवा छात्र सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अब उसको भरे मन से श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने अपने मैसेज में आर्यमन को सम्मान देते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर, वर्ल्ड चैंपियन जैसे खिताब से नवाजते हुए याद किया।

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