टारगेट किलिंग की प्लानिंग थी, आरोपी को अमेरिका-इटली से हैंडलर देते थे मैसेज
अमृतसर 18 जुलाई। यहां पंजाब पुलिस के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सैल ने अमृतसर के देहात इलाके में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के मॉड्यूल को तोड़ा। खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने टारगेट किलिंग की योजना बना रहे आतंकी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उससे हथियार भी बरामद किए।
गौरतलब है कि इस बड़ी कामयाबी को लेकर पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर जानकारी शेयर की। जानकारी के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला कि पुलिस के हत्थे चढ़ा आतंकी गुरदासपुर के घनी के बांगर निवासी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की है। फिलहाल आरोपी अमृतसर के ग्रामीण इलाके में पनाह लेकर छिपा बैठा था। जबकि उसके हैंडलर यूएसए बेस्ड आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासियां और इटली बेस्ड आतंकी रेशम सिंह है। जिनके निर्देश पर वह वारदातों को अंजाम देने की योजना बना रहा था।
पुलिस ने आरोपी से 1 पिस्तौल, 2 मैगजीन, 9 जिंदा गोलियां और 1 खाली गोली का खोल बरामद किया है। आरोपी विक्रमजीत पिछले 5-6 वर्षों से रेशम सिंह के संपर्क में था। रेशम ने ही उसे कुछ महीने पहले हैप्पी पासियां से मिलवाया था। हैप्पी पासियां ने उसे कुछ कॉन्ट्रैक्ट भी दिए थे। उसके लिए विक्रमजीत सिंह ने हथियार खरीदे थे। स्पेशल सैल को जब आरोपी की सूचना मिली तो वह अमृतसर में चमरंग रोड पर बुलेट मोटरसाइकिल पर घूम रहा था। जबकि पंजाबी युवाओं को गुमराह करने वाला हैप्पी पासियां अमृतसर के रामदास का रहने वाला है। फिलहाल वह अमेरिका में बसा हुआ है। वह पाकिस्तान में रहने वाले हरविंदर रिंदा और शमशेर से सीधे जुड़ा हुआ है। उसका मुख्य उद्देश्य पंजाब में हथियार सप्लाई करना और युवाओं को पैसे-हथियार देकर कट्टरपंथी बना देश विरोधी गतिविधियों के लिए प्रेरित करना है।
इसी महीने मिली थी बड़ी कामयाबी : गौरतलब है कि 8 जुलाई को जालंधर से बब्बर खालसा इंटरनेशनल का एक आतंकी गिरफ्तार किया गया था। दो महीने पहले ही पुलिस ने अमृतसर से ही हैप्पी पासियां के दो गुर्गों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी।
खालिस्तान का पैरोकार बीकेआई : बब्बर खालसा इंटरनेशनल को भारत, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन समेत कई देशों ने आतंकी संगठन की सूची में शामिल किया है। इसकी स्थापना 1978 में हुई थी। यह पंजाब और पड़ोसी राज्यों के कुछ जिलों को मिलाकर खालिस्तान नाम से एक अलग सिख देश बनाने की मांग करता रहा है। यह संगठन 80 के दशक के आखिर और 90 के दशक की शुरुआत में पंजाब में सक्रिय था। इसने कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया। 1990 के दशक में इस संगठन के कई आतंकियों को पंजाब पुलिस ने मार गिराया। कई आतंकी विदेश भाग गए, लेकिन पाकिस्तान, कनाडा और ब्रिटेन में अभी भी इसके समर्थक हैं।
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