पंजाब/यूटर्न/16 जुलाई: हरियाणा-किसानों के बच पेंच फंस गया है,जिस कारण दोनों से ऐलानों के बाद स्थिति विस्फोटक हो गई है,किसानों का ऐलान है कि हरियाना की तरफ से बार्डर खुलते ही वह दिल्ली जायेगें,जबकि हरियाना सरकार का कहना है कि बार्डर नही खोला जायेगा। वहीं पहले ही हाईकोर्ट आदेश दे चुका है कि हरियाना सरकार बार्डर खोले। चंडीगढ़ में मीटिंग के बाद किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि शंभू बॉर्डर खुलते ही किसान दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ सामान इक_ा करने में समय लगेगा, उसके बाद हम दिल्ली की तरफ रवाना हो जाएंगे।
किसानों ने किसान शुभकरण के मौत मामले में गठित स्पेशल टास्क फोर्स को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के अधिकारी को जांच देने से इंसाफ की उंमीद नहीं बचती। वहीं शंभू बॉर्डर पर लगी 8 लेयर की बैरिकेडिंग फिलहाल नहीं हटेगी। 10 जुलाई को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 7 दिन के अंदर बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे। आज इसका अंतिम दिन है, लेकिन इसको लेकर हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई है। सरकार अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। दिल्ली कूच के लिए पंजाब के कई जिलों से किसानों के जत्थे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में जींद से सटे खनौरी और अंबाला से लगते शंभू बॉर्डर पर पहुंचने लगे हैं। इन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में 6 माह का राशन है। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि वाटर कैनन बॉय नवदीप जलबेड़ा की रिहाई के लिए कल अंबाला में एसपी का घेराव किया जाएगा। सुबह 10 बजे किसान अनाज मंडी में इक_े होंगे।
किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि हमारी प्रायोरिटी दिल्ली जाने और दूसरी प्रायोरिटी राम लीला मैदान है। हमारी कोई और मंशा नहीं है। सरकार हमें जहां भी रोकती है, वे सरकार की जिंमेदारी होगी। हमारा आंदोलन उतनी देर तक जारी रहेगा, जब तक सरकार हमारे साथ किए वादे पूरे नहीं करती। ये हमारी डिमांड नहीं हैं, सरकार की तरफ से किए गए वादे हैं। 15 सितंबर को बहुत बड़ी महापंचायत जींद के पास होगी। इसके अलावा एक महापंचायत अंबाला के पास की जाएगी। वहीं 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च निकालने की भी योजना है। दूसरी कोशिश है कि हम पंजाब में पंचायत करें। डल्लेवाल ने कहा कि किसानों ने कभी विघन नहीं डाली है। जो सभरवाल साहिब हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए थे, उन्होंने कोर्ट को गुमराह करने का काम किया। जजमेंट में साफ कहा था कि 17 तारीख को ये अंबाला में एसपी का घेराव करेंगे। उन्होंने ये नहीं बोला कि नवदीप को रिहा करने के लिए 17 तारीख को घेराव करेंगे। ये एक नरेटिव तैयार करते हैं। कोर्ट ने उसमें भी कहा है कि अगर आप वर्दी में हो तो आपको डरने की क्या जरूरत है। 6 फरवरी 2024 से शंभू पर बैरिकेडिंग शुरू हो गई थी। 8 फरवरी को हमारी पहली बैठक हुई। 13 फरवरी को किसानों को पहुंचना था, लेकिन उससे पहले 12 को ही 100 से अधिक आंसू गैस के गोले दागे गए थे।
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की
किसान नेता ने कहा- हाईकोर्ट के आदेश में साफ लिखा है कि हरियाणा सरकार व पंजाब सरकार को रास्ता खोले। नवदीप वाला जो केस है, वे पंजाब की धरती पर हुआ है। वहां आकर एसडीएम ने खुद आकर कहा था। शुभकरण के केस में जहां जीरो एफआईआर दर्ज की गई है। उसमें बोला था कि हरियाणा सरकार एफिडेविट दायर करे। लेकिन हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए सुप्रीम कोर्ट चली गई है। उधर, पुलिस बिना सरकार और प्रशासन की अनुमति के घेराव, सभा व जुलूस में भाग लेने वालों के पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई करेगी। साथ ही धारा-144 (नए कानून के तहत 163 बी एनएसएस) लागू की है। किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामलों में कुछ उपद्रवियों की गिरफतारियां के लिए घेराव में शामिल होने वालों के फोटोग्राफ व वीडियो से पहचान कर पकड़ा जाएगा। हरियाणा पुलिस एक्ट 2007 की धारा 69 के तहत प्रदर्शन पर रोक रहेगी।
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