अमेरिका से आया था युवा एनआरआई शादी करने, उसकी मौत से परिजन बेहाल, मां की हालत बिगड़ी
नवांशहर 13 जुलाई। यहा एक बेहद दुखद हादसा पेश आया। दुल्हन को जयमाला के दौरान ही हार्टअटैक आने से एनआरआई दूल्हे ने दम तोड़ दिया। इस हादसे की सीसीटीवी फुटेज अब वायरल हो रही हैं। दुल्हे के परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूटने से उनकी खुशियां पलभर में मातम में बदल गई। रो-रोकर बेहाल दुल्हे की माता की हालत इतनी बिगड़ गई कि उनको भी अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा।
जानकारी के मुताबिक रिटायर बैंक अधिकारी मोहन लाल के 38 साल के बेटे विपन सल्लन अमेरिका में थे। वह करीब पांच महीने पहले शादी के लिए अमेरिका से भारत आए थे। परिवार के सदस्य शनिवार बंगा के बजाज रिसोर्ट शादी की रस्में पूरी करने के लिए पहुंचे थे। रिसोर्ट में कार्यक्रम से पहले दूल्हा और दुल्हन ने गुरुद्वारा साहिब में फेरे लिए। जिसके बाद वह अन्य रस्मों को पूरा करने के लिए रिसोर्ट गए।
बताते हैं कि दुल्हा विपन सल्लन रिसोर्ट में जयमाला डालने के लिए स्टेज पर पहुंचे तो अचानक सीने में दर्द की शिकायत करने लगे। फिर देखते ही वह देखते पीछे सोफे पर गिर गए। खुशी के माहौल में अचानक चीख-पुकार मचने लगी। परिजन विपन को डॉक्टर के पास ले जाया गए। जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि दुल्हे की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना बताई।
दुल्हन की वरमाला डालते ही मौत : इस हादसे से साल 2022 के दिसंबर महीने में उत्तर प्रदेश की घटना ताजा हो गई। वहां मलिहाबाद के गांव भदवान में इसी तरह शादी की खुशियां मातम में तब्दील हो गईं थीं। दरअसल दुल्हन की दूल्हे को वरमाला पहनाने के बाद मौत हो गई थी
डॉक्टर-एक्सपर्ट यह वजह मानते हैं :
–नवाशहर के मामले को लेकर यह कहना मुश्किल है कि युवा एनआरआई को हार्ट अटैक आना कोरोना का दुष्प्रभाव है। हां, इतना जरुर है कि कोरोना के बाद युवाओं के हार्ट अटैक के मामले बढ़े। इसके पीछे तथ्यजनक एक कारण तो है कि जिनका लाइफ-स्टाइल बिगड़ा रहा, चाहे वे किसी आयु वर्ग से हों, उनको हार्टअटैक आने के मामले ज्यादा हुए हैं। —डॉ.कर्मवीर गोयल, मेडिसिन एक्सपर्ट
–कोराना-काल का प्रभाव ही कहेंगे कि खासकर युवाओं में भी हार्ट-अटैक के मामले अचानक बढ़े हैं। देश में कई ऐसे मामले सामने आए। इसके लक्षणों को देखते हुए इसकी वजह कावासाकी नामक बीमारी मानी गई। नवाशहर का ताजा केस भी कुछ इसी प्रकार का लगता है।—डॉ.बलदीप सिंह, डायरेक्टर, दीप अस्पताल
मशहूर प्रोफ़ेसर और शोधकर्ता गियरमो लोपेज़ लुक के हवाले से बीबीसी ने भी एक ऐसी ही रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसके मुताबिक अध्ययनों में पाया गया कि इंफ्लूएंज़ा वायरस के संक्रमण से एथरोस्क्लेरॉटिक प्लेक्स का विकास बढ़ जाता है। ये प्लेक्स रक्तवाहिनिओं में जम जाते हैं और रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। इससे हार्ट अटैक आ सकता है। वहीं, रक्तवाहिनियों में मौजूद एंडोथीलियम को नुक़सान पहुंचने से भी प्लेक्स बनते हैं और हर्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है।
भारत में पिछले एक साल में दिल संबंधी बीमारी के कारण मौत की कई घटनाएं सामने आई हैं। लोगों को अचानक बैठे-बैठे, नाचते, कसरत करते हुए हार्ट अटैक आने के वीडियो भी सामने आए।