चर्चा जारी है एक पावरफुल नेता ने आप हाईकमान को सौंप दी समर्थक विधायकों की बड़ी साइन-लिस्ट
चंडीगढ़, नई दिल्ली 9 जुलाई। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पहले वाला सियासी-माहौल तैयार हो रहा है। तब भगवंत मान को सीएम-फेस बनाने के लिए पार्टी में दो धड़े नजर आने लगे थे। अब आप सरकार के कामकाज से जनता के नाखुश होने की मोहर लोकसभा चुनाव के नतीजों से लग चुकी है। ऐसे में जालंधर वैस्ट विधानसभा का उप चुनाव खुद सीएम भगवंत सिंह मान की मूंछ का सवाल बना है। पंजाब के बड़े सियासी-गढ़ कहलाने वाले शहरों, राजधानी चंडीगढ़ से दिल्ली तक इस बाबत तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
कोई कयास लगा रहा है कि अगर जालंधर उप-चुनाव में आप को शिकस्त मिली तो मान सरकार के कामकाज के खिलाफ जनता के फतवे की मुहर पक्के तौर पर लग जाएगी। दरअसल नगर निगम व पंचायत चुनाव के बाद अगले विधानसभा चुनाव से भी सत्ताधारी पार्टी को निपटना एक बड़ी चुनौती होगी। लिहाजा एंटी-इंकम्बेंसी की काट के लिए आप नेतृत्व कोई ना कोई अहम कदम उठा सकता है।
बीजेपी-मॉडल अपना सकती है आप ? कुछ सियासी-जानकारों का मानना है कि बीजेपी एंटी-इंकम्बेंसी की काट के लिए सीएम-फेस बदलने वाला प्रयोग कर सूबों में कर चुकी है। किसी हद तक वह प्रयोग सफल भी रहा है। शायद आप नेतृत्व इस राजनीतिक-प्रयोग पर अमल कर सकता है। कई मौकों पर एक तीर से दो शिकार वाली रणनीति के तहत पार्टी की गुटबाजी भी इसी प्रयोग से दब जाती है।
कांग्रेस-मॉडल पर भी हो सकता है विचार : पंजाब में ही कांग्रेस शासन में सीएम को बदल दिया गया था। लिहाजा जातीय समीकरण के हिसाब से भी वह राजनीतिक-प्रयोग सफल माना गया था। लिहाजा आप नेतृत्व उस फार्मूले पर भी विचार कर सकता है।
एक पावरफुल नेता ने कर ली तैयारी ! सूबे के सियासी-हल्कों और खुद आप वर्करों के बीच एक और चर्चा चल रही है। जिसके मुताबिक आप के एक पावरफुल नेता ने पार्टी हाईकमान तक एक लिस्ट पहुंचाई है। जिसमें उनके समर्थन में बड़ी तादाद में विधायकों ने साइन किए हैं। इस चर्चा के आधार पर तो यही कयास लगा सकते हैं कि वह पावरफुल नेता व उनके समर्थक विधायक जालंधर उप चुनाव के बाद कोई बड़ा ‘खेला’ तो जरुर करेंगे। खैर यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि कौन किसके अरमानों पर झाड़ू फेरेगा।
डिप्टी सीएम पद के दावेदार भी जागे : चर्चा यह है कि जो पावरफुल नेता पार्टी हाईकमान को समर्थक विधायकों की लिस्ट सौंप कर आए हैं, उन्होंने एक दांव और चला है। पंजाब में आप सरकार बनने के बाद डिप्टी सीएम के पद की परंपरा भी कायम रखने की मांग पार्टी में उठी थी। तब एक नौजवान विधायक ने इस पद पर दावेदारी जताते लॉबिंग भी कर ली थी। हालांकि उनको मंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा था। चर्चा है कि पावरफुल नेता ने उन नौजवान विधायक के सोए सपने भी फिर से जगा दिए हैं। मतलब साफ है कि एक पावरफुल नेता अपने मिशन में कामयाब हुए तो नौजवान विधायक को भी उनका मनचाहा पद दिला सकते हैं।
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