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मुद्दे की बात : भोले बाबा पर योगी-कृपा !

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पाखंड, अंधविश्वास से समाज का नुकसान करना क्या अपराध नहीं ?

हाथरस हादसे में तमाम बेकसूर लोगों ने जान गंवाई, सैकड़ों जख्मी हुए और फिर सबकुछ जैसे सामान्य हो गया। इसे विडंबन ही कहेंगे कि पाखंड की पराकाष्ठा का दूसरा नाम सूरजपाल सिंह जाटव उर्फ भोले बाबा है। वैसे तो कभी बाबा उपाधि बेहद सम्मानीय होती थी और अब कथित भोले बाबाओं का ही दौर है।
हाथरस कांड के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गंभीर बयान आया था। उन्होंने इस हादसे के साजिशकर्ताओं-लापरवाह आयोजकों को नहीं बख्शने का दावा किया था। मगर जिस भोले बाबा के समागम में भगदड़ मचने से यह हादसा हुआ, उसी कथित बाबा को सीएम योगी ने ‘सज्जन’ कहकर संबोधित किया था। नतीजन सीएम का बयान आने के बाद जागे स्थानीय शासन-प्रशासन ने कार्रवाई तो की, लेकिन भोले बाबा के अलावा बाकियों पर।
अब जरा भोले बाबा के बारे में जान लें कि वह समाज को किस कद्र अंधविश्वास में धकेलने वाला शख्स है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि समाज को इस तरह धोखा देना क्या अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। दरअसल भोले बाबा के सेवादार का एक ऑडियो सामने आने से सारे गोरखधंधे पर रोशनी पड़ी है। जिसमें वो कह रहा है कि बाबा ने कहा था आज प्रलय होगी। कई लोगों की मौत होगी। प्रलय हो भी गई। अपने आप ही लोग सड़क पर गिरने लगे। फिर लाशें बिछ गईं। साकार हरि यानि भोले बाबा ही इन्हें जिंदा भी कर सकते हैं। ऑडियो में सेवादार अपने दोस्त से कह रहा है कि परमात्मा यानी भोले बाबा ने कह दिया था कि घबराने की जरूरत नहीं। उन्होंने मुझसे कहा था कि तुम चुपचाप चले जाओ, बच जाआगे। इतने दिनों से सत्संग हो रहा था, कभी कुछ नहीं हुआ।
आडियो में आगे सेवादार कहता है कि आज जो हुआ सब बाबा की मर्जी से हुआ। जो बाबा से डरेगा, उनकी भक्ति करेगा, वही बचेगा। जो नहीं करेगा, वो मर जाएगा। 4.35 मिनट का ये ऑडियो हाथरस कांड के थोड़ी देर बाद का बताया जा रहा है। पुलिस ने ऑडियो की जांच शुरू कर दी है।
इसके पहले एक समागम में भोले बाबा ने सार्वजनिक रुप से दावा किया था कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई का भेद खत्म करने के लिए मेरा जन्म हुआ है। अब मैं बख्शने वाला नहीं हूं। अन्याय और अधर्म का नाश करूंगा। ये दावा भोले बाबा उर्फ सूरज पाल का है, जो उसने 2020 में एक समागम में किया था। अब यूपी के सीएम ही बेहतर बता सकते हैं कि भोले बाबा जब धर्मों का भेद मिटा देंगे तो सामाजिक व्यवस्था क्या कायम रहेगी ? सीएम तो खुद योगी हैं, धर्म-आध्यात्मम और पाखंड-अंधविश्वास का अंतर तो वह बेहतर तरीके से जानते हैं। खैर, अशिक्षा, गरीबी से जूझता समाज का एक बड़ा वर्ग जब तक रहेगा, तब तक भोले बाबाओं का राजकाज यूं ही चलता रहेगा।
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