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भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी कुशल व्यक्तित्व-जुग जुग जियो

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भारतीय संसद में एक अच्छे संसद के रूप में आडवाणी जी अपनी भूमिका के लिए सराहे और पुरस्कृत किए गए थे

भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की एम्स व अपोलो से छुट्टी,उनके स्वस्थ रहने व मार्गदर्शन की दुआओं का तांता लगा-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दिनांक 5 जुलाई 2024 को देर शाम जहां एक ओर दुनियां की निगाहें ब्रिटेन में हुए सांसद चुनाव नतीजे पर लगी थी,जहां 14 वर्षों के बाद सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी, लेबर पार्टी से चुनाव हार गई और ब्रिटेन के 58 वें प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर बन गए। ब्रिटेन के ऐतिहासिक आम चुनाव में उनकी पार्टी ने जीत हासिल की है। लेबर पार्टी ने 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स’ में 412 सीट हासिल कीं, यह संख्या 2019 में पिछले चुनाव में प्राप्त सीट से 211 अधिक है।अब की बार, 400 पार आखिरकार हो गया, लेकिन किसी दूसरे देश में।वहीं ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी ने 121 सीट पर जीत दर्ज की जो पिछले चुनाव में प्राप्त सीट से 250 कम हैं। लेबर पार्टी का मत प्रतिशत 33.7 रहा, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी का मत प्रतिशत 23.7 रहा।वही मैं जब अपने कुछ व्हाट्सएप ग्रुप को चेक करने के लिए खोला,तो हैरान व दंग रहगया! क्योंकि एक फोटो के साथ एक पोस्ट था और धड़ाधड़ उसके आगे अनेक पोस्ट ओम शांति, ओम शांति रूपी श्रृद्धाजंलियां थी!चूंकि मैं वकालत के साथ मीडिया से भी रेगुलर जुड़ा हुआ हूं तो अनेक काल मेरी मोबाइल पर भी आई, फिर मैंने जब ऊपर मोबाइल लगाई तो सब फेक निकला, फिर धड़ाधड़ पोस्ट डिलीट होते चले गए। इस महान व्यक्तित्व, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी राजनीति सेवा में समर्पित की तथा 96 वर्ष पार की उम्रमें स्वास्थ्य के कारण पहले 26 जून 2024 को दिल्ली की एम्स में भर्ती हुए व 27 जून को वहां से छुट्टी मिल गई, फिर दोबारा 3 जुलाई 2024 को दिल्ली की अपोलो अस्पताल में भर्ती हुए और फिर 4 जुलाई 2024 को देरशाम छुट्टी मिल गई।मैंने स्वयं एएनआई की 4 जुलाई 2024 की देर रात्रि की कुछ वीडियो क्लिप देखी जो सोशल मीडिया पर चलरहीं थी, जिसमें अपोलो के गेट नंबर 3 से आडवाणी जी बाहर आ रहे थे जो कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में थे। इसलिए मैंने देर शाम ही इस महान व्यक्तित्व पर आर्टिकल लिखने का मन बनाया व रिसर्च शुरू कर देर रात्रि तक आर्टिकल लिखा। मैंने यह महसूस किया कि माता-पिता,पूरा परिवार सहित कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिन्हें देखने मात्र से या यूं कहें के उनकी हुजूरी या उपस्थिति मात्र से ही दिल दिमाग व हृदय में ताकत का अद्भुत संचार होता है,भले ही वे कुछ वर्क करें या ना करें, मार्गदर्शन दें या ना दें, या फिर रिटायरमेंट का जीवन जी रहे हो, फिर भी उनकी हुजूरी या उपस्थितसे हमारे माथे पर आशीष की छाया रहती है, तो बल मिलता है, एक ताकत मिलती है। यही भाव भारतीय राजनीति व विशेष रूप से सत्ताधारी पार्टी में यह महसूस होता है। यही कारण है कि माननीय पीएम ने उनको भारत रत्न देने व शपथ ग्रहण से पहले उनके घर पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया था।ये वही आडवाणी हैं जिन्होंने 1984 में दो सीटों पर सिमट गई पार्टी को रसातल से निकालकर पहले भारतीय राजनीति के केंद्र में पहुंचाया और फिर 1998 में पहली बार सत्ता का स्वाद चखाया।हम कई पुरानी तस्वीरों में देखते रहते हैं कि माननीय पीएम किसी जमाने में लालकृष्ण आडवाणी के राइटहैंड बने रहते थे जो रथ यात्रा की तस्वीर में भी पूरे विश्व ने देखा और हम कामना करते हैं कि इसी तरह माननीय लाल कृष्ण जी हंसते मुस्कुराते व स्वस्थ रहें। चूंकि पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जी भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में अपनी भूमिका के लिए सराहे और पुरस्कृत किए गए थे, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी कुशल व्यक्तित्व, जुग जुग जियो।
साथियों बात अगर हम माननीय लालकृष्ण आडवाणी के 27 जून एम्स व 3 जुलाई को अपोलो में भर्ती होने की करें तो, सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को बुधवार (3 जुलाई) की रात को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार (4 जुलाई 2024) की दोपहर एक बजे उनकी हालत स्थिर बताई गई थी। अब लालकृष्ण आडवाणी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार दोपहर को लालाकृष्ण आडवाणी की हालत स्थिर थी। उन्हें न्यूरोलॉजी विभाग में एक डॉक्टर्स के ग्रुप की निगरानी में रखा गया था। पूर्व उप प्रधानमंत्री को बुधवार रात करीब नौ बजे अपोलो अस्पताल लाया गया था। उनके साथ उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी भी थीं। उनका इलाज यहां कुशल डॉक्टर की निगरानी में किया जा रहा था। पिछले सप्ताह एम्स में भी हुए थे भर्ती, इससे पहले पिछले सप्ताह 26 जून को लालकृष्ण आडवाणी को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। वहां उनका इलाज यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी डॉक्टर्स की निगरानी में हो रही थीहालांकि अगले ही दिन 27 जून को उन्हे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
साथियों बात अगर हम लालकृष्ण आडवाणी के जीवन और कुशल नेतृत्व की करें तो, लालकृष्ण आडवाणी, (जन्म: 8 नवम्बर 1927) सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। जनवरी 2008 में राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन ने लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लड़ने तथा जीत होने पर उन्हें प्रधानमन्त्री बनाने की घोषणा की थी। हाल ही में भारत सरकार ने 31 मार्च 2024 को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की और उन्हें भारत रत्न सम्मान दिया गया। वर्ष 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की। तब से लेकर सन 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे।वर्ष 1973 से 1977 तक आडवाणी ने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का दायित्व सम्भाला। वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे। इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने सम्भाला।1990 राम रथ यात्रा,इसी दौरान वर्ष 1990 में राममन्दिर आन्दोलन के दौरान उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली। हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया पर इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद और बड़ा हो गया।1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुँचा दिया था। वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल है।पार्टी भूमिका, लालकृष्ण आडवाणी तीन बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। आडवाणी चार बार राज्यसभा के और पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। वर्ष 1977 से 1979 तक पहली बार केन्द्रीय सरकार में कैबिनेट मन्त्री की हैसियत से लालकृष्ण आडवाणी ने दायित्व सम्भाला। आडवाणी इस दौरान सूचना प्रसारण मन्त्री रहे।आडवाणी ने अभी तक के राजनीतिक जीवन में सत्ता का जोसर्वोच्च पद सम्भाला है वह है,एनडीए शासनकाल के दौरान उपप्रधानमन्त्री का। लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1999 में एनडीए की सरकार बनने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केन्द्रीय गृहमन्त्री बने और फिर इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमन्त्री पद का दायित्व भी सौंपा गया।भारतीय संसद में एक अच्छे सांसद के रूप में आडवाणी अपनी भूमिका के लिए कभी सराहे गए तो कभी पुरस्कृत भी किए गए। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 1986 से 1990 तक फिर 1993 से 1998 तक और 2004 से 2005 तक पार्टी के अध्यक्ष के रूप में काम किया।साल 2013 में उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। इस साल 31 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में अपने आवास पर पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था लालाकृष्ण आडवाणी ने 1998 से 2004 तक गृह मंत्री और 2002 से 2004 तक उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, वह 2009 के आम चुनाव के दौरान बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे।
साथियों बात अगर हम माननीय लालकृष्ण आडवाणी द्वारा वहन की गई प्रमुख जिम्मेदारियां की करें तो धारण किये गये प्रमुख पद1967-1977 : दिल्ली महानगर परिषद के सदस्य (महापौर के रूप में भी कार्य किया) 1970-1972 : भारतीय जनसंघ, दिल्ली के अध्यक्ष।1970-1976: दिल्ली के राजगृह परिषद के सदस्य (अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया)1973-1977: भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष (अखिल भारतीय स्तर पर)
1977-1979: सूचना और प्रसारण मंत्री (जनता पार्टी सरकार)1977-1979: राज्यसभा में सदन के नेता (जनता पार्टी m सरकार) 1978-1984 राज्यसभा के सदस्य (गुजरात से निर्वाचित) 1980-1986: राज्यसभा में भाजपा के नेता1980-1986: भारतीय जनता पार्टी के महासचिव 1986-1991: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (पहले 5 अध्यक्षों में से एक)1991-1998: लोकसभा में विपक्ष के नेता (भाजपा) 1996-2009: राज्यसभा के सदस्य (मध्य प्रदेश से निर्वाचित) 1998 2004: गृह मंत्री (भाजपा सरकार)1998-2004: गृह मामलों पर केंद्रीय कैबिनेट समिति के अध्यक्ष 2002 2004: उप प्रधानमंत्री (भाजपा सरकार)2002-2004: सुरक्षा मामलों पर केंद्रीय मंत्रिमंडलीय समिति के अध्यक्ष2004-2009: लोकसभा में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष2009: लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार 2014-2020: भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य। 2024 में भारत सरकार द्वारा इनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी कुशल व्यक्तित्व-जुग जुग जियो
भारतीय संसद में एक अच्छे संसद के रूप में आडवाणी जी अपनी भूमिका के लिए सराहे और पुरस्कृत किए गए थे।भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की एम्स व अपोलो से छुट्टी,उनके स्वस्थ रहने व मार्गदर्शन की दुआओं का तांता लगा।

*-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*

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