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यूपी कालिंग :— आवसीय क्षेत्र में होटल खोलने में मिलेगी राहत

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शबी हैदर

लखनउ यूटर्न, 24 जून : आवासीय क्षेत्र में 06 कमरों से 20 कमरों तक के होटल निर्माण के लिए न्यूनतम भूमि और होटल तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई की न्यूनतम सीमा में होगा बदलाव!

डोमेस्टिक टूरिज्म की क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है। और यूपी देश का पहला टूरिज्म डेस्टीनेशन हब बनने के लिए तैयार है। सीएम योगी आदित्यनाथ की कोशशों का नतीजा है कि पायर्टन के क्षेत्र में रोजगार की असीमित संभावनाएं जागृत हो रही है। यूपी में ताजमहल, बड़ा इमामबाड़ा और चित्रकूट धाम के साथ राम मंदिर, गोरखनाथ मंदिर और बनारस का त्रिकोण किसी को भी बरबस अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जब पायर्टक आ रहे और आगे ज्यादा तादात में आएंगे तो उनके रूकने की भी उम्दा व्यवस्था के सभी जरूरते पूरी हो। इसी दृष्टि में आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने आवसीय क्षेत्र में होटल खोलने के लिए राहत प्रदान करने का निर्णय लेने की बात कही है।

 

होटल इंडस्ट्री के विकास पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के टूरिज्म पोटेंशियल को प्रोत्साहित करने के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरा है। देश से सबसे ज्यादा पर्यटक उत्तर प्रदेश में आते हैं। इन सकारात्मक परिस्थितियों ने होटल इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाओं को जन्म दिया है। बड़ी संख्या में होटलों की आवश्यकता का अनुभव किया जा रहा है। होटल इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए हमें अपने बिल्डिंग बाइलॉज में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। आवासीय क्षेत्र में 06 कमरों से 20 कमरों तक के होटल निर्माण के लिए न्यूनतम भूमि और होटल तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई की न्यूनतम सीमा में बदलाव किया जाना चाहिए। साथ ही, पार्किंग, सिक्योरिटी और फ़ायर सेफ्टी जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषयों में मानक का सख्ती से अनुपालन कराया जाए।

 

गौरतलब है कि राम मंदिर निमार्ण के बाद पायर्टकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। अयोध्या में तो वलर्ड क्लास होटलों का निमार्ण हो ही रहा है। साथ में जिन शहरों में अन्रू तीर्थ पयर्टन स्थल है वहां भी लोगों की संख्या में इजाफ हुआ है। ऐसे में होटल निमार्ण के लिए सख्त नियम कानून के चलते नये होटलों का निमार्ण न के बारबर है। छोटी काशी के लिए फेमस गोला गोर्कणनाथ जोकि लखीमपुर खीरी में है वहां भी होटल की संख्या कम है। यही नहीं चित्रकूट, आजमगढ़ जैसे शहरों में भी अच्छी सुविधाओं से युक्त होटल नहीं है।

 

होटल व्यवसाय से जुड़े नवीन कहते हैं कि छोटे शहरों में होटलों की अच्छी डिमांड है लेकिन नये होटल नहीं खुल पा रहे। ऐसे में सरकार यदि इस राह में राहत देती है तो आप यकीन मानिये कि पार्यटकों को अच्छी सुविधाओं के साथ रहने और खाने की सुविधा मिलेगी जबकि लोकल लोगों को रोजगार भी मुहैया होगा।

 

16 कमरे के एक होटल में कम से कम 50 लोगों को रोजगार मिलेगा। ऐसे में यदि एक शहर में 10 नये होटल खुलते हैं तो सीधे तौर पर 500 से ज्यादा लोगों के रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उस शहर की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।

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