आंदोलित किसान यूनियन का इलजाम, एनएचएआई का रवैया अड़ियल, मगर जनहित में संघर्ष रहेगा जारी
लुधियाना 20 जून। पांचवें दिन भी पंजाब के सबसे महंगे टोल प्लाजा लाडोवाल से पांचवें दिन भी सैकड़ों वाहन बिना टैक्स अदा किए निकलते रहे। भारतीय किसान मजदूर यूनियन की अगुवाई में यहां धरना-प्रदर्शन चल रहा है। टोल टैक्स की पुरानी दरें लागू न होने तक किसानों ने इसी तरह वाहनों चालकों के लिए टोल प्लाजा फ्री रखने की चेतावनी दी है।
यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह ने फिर इलजाम लगाया कि नई दरें वापस लेने की मांग एनएचएआई ने नहीं मानी। उसके अड़ियल रवैये के चलते ही किसान अपना संघर्ष जनहित में जारी रखेंगे। यहां गौरतलब है कि पिछले चार दिनों से इस टोल प्लाजा से तकरीबन डेढ़ लाख वाहन बिना टैक्स दिए गुजर चुके हैं। एनएचएआई को इससे लगभग चार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
दरअसल किसान अपनी मांग पर अड़े हैं कि टोल 150 रुपए प्रति वाहन होना चाहिए। जबकि समझौता वार्ता के दौरान एनएचएआई के अधिकारी किसानों की मांगों को नजरंदाज कर चुके हैं। इसके चलते लाडोवाल टोल प्लाजा पर किसानों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। वहीं, भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह ने कहा कि लोगों से हो रही लूट के खिलाफ किसान हमेशा आवाज बुलंद करते रहे है। केन्द्र सरकार यदि किसानों की मांग के सामने न झुकी तो लोगों के साथ हो रही लूट रोकने को किसान हर कदम उठाएंगे। सरकार को खुद सोचना चाहिए कि आमजन इतना महंगा टोल कैसे दे। टोल प्लाजा के बढ़े दाम करने के लिए लोगों के द्वारा चुने गए नुमाइंदे भी आज लोगों के पक्ष में खड़े नहीं हो रहे। सियासी पार्टियों के नेता सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेकते हैं। यदि कोई मध्यम वर्ग से संबंधी परिवार टोल से गुजरता है तो वह किसानों का धन्यवाद करके जाता है। दरअसल उनका एक बार में 425 रुपए का टोल बच रहा है।
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