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मरीज से डॉक्टर-स्टाफ करेंगे हिंदी में बात पीजीआई के निदेशक ने जारी का फरमान

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 साइनबोर्ड भी हिंदी में रहेंगे, सिटी ब्यूटीफुल में राष्ट्रभाषा को लेकर यह महत्वपूर्ण फैसला

चंडीगढ़ 8 जून। यहां पीजीआई में अब हिंदी भाषी लोगों के लिए एक राहत वाली जानकारी सामने आई है। अब यहां पर हिंदी में बातचीत करने वाले मरीजों को डॉक्टरों या स्टाफ से बात करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

जानकारी के मुताबिकसजी हां अब डॉक्टर और स्टाफ सभी मरीज के साथ हिंदी में बात करेंगे। इसे लेकर चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक डॉ. विवेक लाल द्वारा सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। पीजीआई में अधिकांश कार्य भी हिंदी में होगा, इसका मकसद मरीजों और डॉक्टरों के बीच बेहतर तालमेल बैठाना है। गौरतलब है कि यहां रोजाना पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यूपी, बिहार समेत कई दूसरे राज्यों के करीब 10 हजार मरीज आते हैं। इनमें आधे से ज्यादा कम पढ़े लिखे होते हैं। जिन्हें पर्चियों या कार्ड में अंग्रेजी में लिखी बात समझ नहीं आती। टैस्ट आदि के लिए फार्म भरने में मुश्किल होती है।

लिहाजा ऐसे में मरीज या उनके तिमारदार जिसके दूसरों पर यानि अंग्रेजी पढ़ने वालों पर ही निर्भर रहते हैं। पीजीआई के अंदर ज्यादातर जितने भी साइन बोर्ड लगे हैं, वे अंग्रेजी भाषा में ही हैं। ये साइन बोर्ड भी हिंदी में बदल दिए जाएंगे। कई लोगों के सुझाव मिलने के बाद पीजीआई कोशिश कर रहा है कि मरीजों से जितना हो सके, उतना हिंदी के जरिए वार्तालाप किया जाए। इसे देखते हुए पीजीआई ने बाकायदा सर्कुलर जारी कर डॉक्टरों से अपील की है कि जितना हो सके, संस्थान में हिंदी में बातचीत कर मरीजों व उनके तिमारदारों को मदद करने में सहायक बने।
इस संस्थान के निदेशक डॉ. विवेक लाल कई मौकों पर कहते आए हैं कि संस्थान में ऐसी सुविधाएं शुरू करने की जरूरत है। जारी सर्कुलर में निदेशक ने कहा है कि संस्थान में बीमारी की रोकथाम के लिए हिंदी भाषा में वीडियो बनाई जाती है। इसके साथ ही निदेशक ने पीजीआई चिकित्सक अधीक्षक से अनुरोध किया है कि बीमारी के प्रति जागरूकता के लिए बनाई गई जो वीडियो पहले से मौजूद है, उन्हें हिंदी में तैयार करवाकर जल्द विभाग की अलग-अलग ओपीडी में चलाने का प्रबंध होना चाहिए।

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