पंजाब/यूटर्न /7 जून: तरनतारन से जुड़े 31 साल पुराने फर्जी एनकाउंटर मामले में मोहाली की सीबीआई स्पेशल कोर्ट आज सजा सुनाएगी। इससे पहले गुरुवार को इस मामले में पूर्व डीआईजी दिलबाग सिंह और रिटायर्ड डीएसपी गुरबचन सिंह को दोषी करार दिया गया था। इस बीच, मामले में शिकायतकर्ता की मौत हो गई है। गौरतलब है कि मृतक के परिवार ने इस मामले में न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। तरनतारन के जंडाला रोड निवासी गुलशन कुमार फल विक्रेता थे। यह मामला गुलशन कुमार के पिता चमन लाल की शिकायत पर 1996 में दर्ज किया गया था। उन्होंने शिकायत में कहा था कि 22 जून 1993 को डीएसपी दिलबाग सिंह (जो डीआईजी के पद से सेवानिवृत्त हुए) के नेतृत्व में तरनतारन पुलिस की एक टीम उनके बेटे को जबरन उठा ले गई। वे उनके दो बेटों परवीन कुमार और बॉबी कुमार को भी अपने साथ ले गए। लेकिन कुछ दिनों बाद सभी को छोड़ दिया गया। हालांकि गुलशन को रिहा नहीं किया गया। एक महीने बाद 22 जुलाई 1993 को फर्जी एनकाउंटर में उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें बताए बिना उनके बेटे के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। सीबीआई की जांच रिपोर्ट यह बात साफ हो चुकी है कि गुरबचन सिंह, जो उस समय सब-इंस्पेक्टर थे और वह तरनतारन (शहर) पुलिस स्टेशन में एसएचओ के रूप में तैनात थे। उन्होंने गुलशन कुमार को अवैध हिरासत में रखा था। इस मामले में सुनवाई के दौरान अर्जुन सिंह, दविंदर सिंह और बलबीर सिंह की मृत्यु हो गई है। इसके अलावा इस मामले में 32 गवाहों का हवाला दिया गया था। लेकिन मामले में 15 लोगों की गवाही हुई। मामले के शिकायतकर्ता चमन लाल की भी मौत हो गई है।
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31 साल पुराने एनकाउंटर में पूर्व डीआईजी व डीएसपी को सीबीआई अदालत सुनायेगी आज सजा
Kulwant Singh
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