पंजाब/यूटर्न /6 जून: लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद चंद्रबाबू नायूडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू की अहमियत एनडीए में बहुत ज्यादा हो गई है। यही वजह है कि अब दोनों ही पार्टियों की तरफ से प्रमुख मंत्रालयों की मांग की जा रही है। टीडीपी के सूत्रों ने बताया है कि पार्टी ने एनडीए के आगे छह बड़े मंत्रालयों की मांग रख दी है। टीडीपी लोकसभा स्पीकर का पद भी चाहती है। पार्टी सूत्रों ने बताया है कि टीडीपी का हर बात पर रुख लचीला है। दिल्ली में बुधवार (5 जून) को हुई एनडीए की बैठक में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बगल में बैठे हुए उनकी तस्वीरें भी सामने आईं। नायडू के बगल में नीतीश कुमार भी बैठे हुए नजर आए। टीडीपी इस वक्त एनडीए की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। उसे 16 सीटों पर जीत मिली है। इसके बाद तीसरा नंबर जेडीयू का आता है, जिसके पास 12 सांसद हैं। एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी है, जिसे 240 सीटों पर जीत मिली है।
मोदी 3.0 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहती है टीडीपी
रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि नायडू ने साफ कर दिया है कि वह मोदी 3.0 सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहते हैं। बताया गया है कि वह बीजेपी नेतृत्व को अपनी मांगों की एक लिस्ट दे चुके हैं। इसमें लोकसभा अध्यक्ष का पद और कम से कम पांच विभाग शामिल हैं, जिनकी डिमांड उन्होंने की है। टीडीपी ने वित्त मंत्रालय, जलशक्ति मंत्रालय जैसे विभागों को भी अपने हिस्से में लेने की मांग की है।
स्पीकर पद क्यों चाहती है टीडीपी?
दरअसल, टीडीपी स्पीकर का पोस्ट इसलिए चाहती है, क्योंकि लोकसभा में सबसे ज्यादा ताकतवर पद उसके पास होगा। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि त्रिशंकु संसद की स्थिति में स्पीकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पार्टी के दिवंगत नेता जीएमसी बालयोगी ने 1998 से 2002 तक अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में स्पीकार के रूप में कार्य भी किया था। टीडीपी के एक सांसद ने कहा कि पार्टी ग्रामीण विकास, आवास एवं शहरी मामले, बंदरगाह एवं शिपिंग, सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग और जल शक्ति मंत्रालय चाहती है। वह वित्त मंत्रालय में एक जूनियर मंत्री रखने को भी इच्छुक है, क्योंकि आंध्र प्रदेश अभी धन की सखत जरूरत है। आंध्र प्रदेश में भी टीडीपी को बहुमत मिला है।
नीतीश ने मांगे तीन मंत्रालय
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि नीतीश कुमार की जेडीयू ने भी तीन मंत्रालयों की मांग एनडीए के सामने रख दी है। साथ ही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की गई है। जेडीयू ने चार सांसद पर एक मंत्रालय का फॉर्मूला सरकार के सामने रखा है। जेडीयू के 12 सांसद हैं, इसलिए वह 3 मंत्रालय चाहती है। नीतीश कुमार चाहते हैं कि उनके खाते में रेल, कृषि और वित्त मंत्रालय आए। रेल मंत्रालय को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है।
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सरकार गठन से पहले एनडीए का बढ़ा सिरदर्द, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने मांगे 6 बड़े मंत्रालय
Kulwant Singh
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