गर्मियों के रोगों की रामबाण औषधि : पुदीना

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

उमेश कुमार साहू

 

ग्रीष्म ऋतु में पुदीना का प्रयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। पुदीना शरीर को शीतलता प्रदान करने के साथ-साथ अनेक रोगों के लिए रामबाण औषधि का भी काम करता है। इसमें विद्यमान खनिज और विटामिन इसके औषधि गुणों में अतिशय वृद्घि कर देते हैं।

गुण- यह रूचिकारक, सुगंधित, भारी, स्वादिष्ट, हृदय को बल देने वाला, मल-मूत्र रोधक है।

 

वात-कफ शामक, तीखा, रूखा और कफ, कास व मद दूर करने वाला, अग्निमांद्य हैजा, संग्रहणी, अतिसार, जीर्ण ज्वर और कृमियों का नाश करने वाला है।

 

इसका सेवन करने से अजीर्ण, अफारा और उदरशूल आदि नष्ट होते हैं।

 

औषधि प्रयोग

 

अपच- पुदीने की 20 हरी पत्तियां, 5 ग्राम जीरा, थोड़ी सी हींग, काली मिर्च के 10 दाने, चुटकी भर नमक, सबको चटनी की तरह पीस लें। फिर इसे एक गिलास पानी में उबाल लें। जब पानी आधा गिलास रह जाए तो छानकर पिएं। अपच दूर हो जाएगा।

 

उल्टी व दस्त- पेट की खराबी से उल्टी, दस्त या अतिसार, जी मिचलाना, बेचैनी होना आदि ठीक करने के लिए पुदीने का आधा चम्मच रस एक कप पानी में घोलकर पीना लाभकारी होता है।

 

कान दर्द- पुदीने के रस की दो बूंदे कान में टपकाने से कान का दर्द ठीक होता है।

 

मुंह की दुर्गंध-पुदीने के पत्ते चबाने या पत्तों का रस पानी में घोलकर कुल्ले करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।

विषैले कीड़ों का डंक- बिच्छू व मधुमक्खी आदि विषैले कीड़ों के काटे हुए स्थान पर पुदीने का लेप लगाने से आराम होता है।

घाव- पुदीने की पत्तियों को पीसकर इसकी लुगदी घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक होता है।

पैरों की नसों का फूलना- 6 ग्राम पुदीना को पीस छानकर 100 ग्राम चूने के पानी के साथ मिलाएं। कुछ दिनों तक पैरों पर मलने से पैरों की नसों का फूलना कम हो जाता है। (विभूति फीचर्स)