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खजूर में अटके ! विस स्पीकर संधवा ने मंजूर कर लिया विधायक अंगुराल का इस्तीफा लोस चुनाव निपटते ही

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बीजेपी में जाने के बाद आप विधायक अंगुराल चाहते थे घर-वापसी, अब इस्तीफा-मंजूरी को देंगे कोर्ट में चुनौती

चंडीगढ़ 3 जून। सियासत की गलियां वाकई बहुत घुमावदार होती हैं, इस पर चलना वाकई आसान नहीं होता है। जालंधर वैस्ट के विधायक शीतल अंगुराल के साथ कुछ ऐसा ही ‘सियासी-खेला’ हो गया। विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने विधायक पद से दिया उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। इसे लेकर अब तिलमिलाए विधायक अंगुराल ने चुनौती दी है कि वह इस फैसले के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

यहां काबिलेजिक्र है कि लोकसभा चुनाव निपटने के बाद एमएलए अंगुराल ने विस स्पीकर से आग्रह किया था कि उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया जाए। इसी सिलसिले में वह सोमवार की सुबह स्पीकर से मिलने पहुंचे थे। ताकि इस  मामले में अपना पक्ष रख सकें। हालांकि स्पीकर विधानसभा में मौजूद नहीं थे। लिहाजा अंगुराल कुछ समय उनका इंतजार लौट गए।

लौटते समय एमएलए अंगुराल मीडिया से रु-ब-रु हुए तो बोले कि मैं स्पीकर से मिलने गया था, लेकिन वह विधानसभा में मौजूद नहीं थे। मैं उनके सेक्रेटरी से मिलकर आ गया हूं। स्पीकर फिलहाल दिल्ली में हैं, जिसके चलते वह मिल नहीं सके। अब 11 जून को सुबह 11 बजे मुझे दोबारा बुलाया गया है। इस्तीफा वापस लेने संबंधी चिट्‌ठी मैंने स्पीकर के सेक्रेटरी को सौंपकर बाकायदा रिसीविंग भी ली है।

इस्तीफा देने के मुद्दे पर एमएलए अंगुराल तर्क दिया कि मैं चाहता था कि लोकसभा चुनावों के साथ विस उप-चुनाव हो जाते, जैसा कि हिमाचल में हुआ है। चुनाव से 69 दिन पहले मैंने इस्तीफा दिया, लेकिन अभी तक मंजूर नहीं किया गया। यह सरकार की मर्जी थी। जबकि इस्तीफा वापस लेना मेरा लोकतांत्रिक अधिकार था, जिसे मैंने इस्तेमाल किया। हालांकि भाजपा छोड़ने के सवाल को टालते हुए अंगुराल बोले कि मैं इस पर कोई जवाब नहीं दूंगा। स्पीकर अगर कोई कार्रवाई करते हैं तो मैं कोर्ट का रुख करूंगा।

इससे पहले जब स्पीकर से मिलने अंगुराल पहुंचे थे, तब उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा केवल इसलिए दिया था, क्योंकि लोस चुनाव के साथ ही विस उप चुनाव कराए जाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोगों ने वोट मुझे डाले थे, ना कि किसी पार्टी को। इसलिए मैंने इस्तीफा वापस लेने का फैसला लिया है।

अंगुराल की सियासी-बाजीगरी : साल 2022 में विधानसभा चुनाव में शीतल अंगुराल आम आदमी पार्टी की टिकट पर जालंधर वैस्ट से जीतकर विधायक बने थे। हालांकि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को वह आप सांसद सुशील रिंकू के साथ ही भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर जैसे ही मतदान निपटा तो उन्होंने इस्तीफा वापस लेने के लिए विधानसभा स्पीकर को पत्र लिख दिया।

 

 

 

 

 

 

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