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18 वीं लोकसभा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिलाओं व युवाओं को नेतृत्व निखारनें का भरपूर मौका मिलने की उम्मीद 

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गज़ब का कॉन्फिडेंस-हैट्रिक की अनंत अनंत बधाईयां

 

केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रथम 100 दिनों के काम की प्राथमिकता सहित सात मीटिंग्स करना पीएम का अभूतपूर्व कामकाजी जज़्बा-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

 

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा चुनावी महापर्व सात चरणों से होते हुए 1 जून 2024 को जैसे ही शाम 5 बजे समाप्त हुआ तत्परता से मीडिया के हर प्लेटफार्म चाहेवह सोशल प्रिंट वइलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो, ताबड़तोड़ एक्जिस्ट पोल आना शुरू हो गए जो 3 जून 2024 तक चलते रहे जिसमें सभी मीडियाप्लेटफॉर्म की एकमत में आवाज उठी है कि सत्ताधारी दल शासन में वापसी कर रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है यह तो लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि 2024 में सत्तादारी दल फिर वापसी करेगा, क्योंकि आम जनता देख रही है कि इन्होंने बड़ा लंबा 2047 तक का विज़न बनाकर रखा है जो भारत की तकदीर बदल देने का कारण बनेगा, जिसमें आम लोग संतुष्ट भी हैं। अनेक बार समय-समय पर पोल होते रहे हैं कि यदि आज चुनाव हो जाए तो किसकी सरकार होगी तो सभी की सत्ता वापसीकी ही आवाज़ें आ रही थी, परंतु जिस प्रकार अबकी बार 400 पार का नारा लग रहा था और पूरे कॉन्फिडेंस के साथ काम कर रहे थे, उसमें कहीं ना कहीं चूक होते दिखी और 50 प्रतिशत वोटिंग प्रतिशत के साथ जीतने की भी कामना शायद पूरी नहीं हुई ऐसा दिख रहा है,परंतु संभावना व्यक्त की जा रही है कि है कि 2029 में यह पूर्ण होनेके कयास लगाया जाना लाजमी है। तमाम मीडिया हाउसेस ने अपने एक्जिस्ट पोल में सत्ताधारी पार्टीकी वापसी का अनुमान इतना कॉन्फिडेंस से लगाया है तो,मेरा मानना है कि 4 जून 2024 को चुनाव आयोग द्वारा रिजल्ट की अधिकृत घोषणा कर सांसदोंको प्रमाण पत्र देनेकी मात्रऔपचारिकता रह गई है, जो जरूरी भी है क्योंकि यही वह प्रमाण पत्र है जिसके आधार पर संसद में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा व लोकसभा के मंदिर में जाकर शपथ लेकर सदस्यता ग्रहण की जाएगी, परंतु यह निश्चित हो गया है कि सत्ता की वापसी हो रही है और माननीय पीएम नें हैट्रिक लगा दी है। चूंकि यह माननीय पीएम व उनके सहयोगियों का गजब का कॉन्फिडेंस था की हैट्रिक लग रही है जिसकी हम उन्हें पहले ही अनंत अनंत बधाईयां दे रहे हैं और यह उम्मीद लगा रहे हैं कि 18 वीं लोकसभा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिलाओं व युवाओं को अपना नेतृत्वनिखारनें का भरपूर मौका दिया जाएगा, यानें मंत्रिमंडल में महिलाओं व युवाओं की संख्या उम्मीद से अधिक हो सकती है,चूंकि माननीय पीएम ने 1 जून 2024 को कन्याकुमारी में दो दिवसीयध्यान लगने के बाद रविवार को 100 दिनों के अपने तीसरे मंत्रिमंडल कार्यकाल की रणनीति सहित कुल 7 मीटिंगें की इसलिए आज हम मीडिया व पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, ग़ज़ब का कॉन्फिडेंस,हैट्रिक की अनंत अनंत बधाईयां हो।

साथियों बात अगर हम पहले ही हैट्रिक की अनंत अनंत बधाईयां देने की करें तो,सातवें चरण का मतदान समाप्‍त होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे भी सामने आ चुके हैं। तकरीबन सभी एग्जिट पोल में सरकार की वापसी की संभावना जताई गई है। सीटों में कुछ ऊपर-नीचे की बात सामने आई है, लेकिन तकरीबन हर मीडिया संगठनों के एग्जिट पोल में भाजपा की अगुआई में एनडीए की स्‍पष्‍ट बहुमत वाली सरकार बनने की बात कही गई है। बता दें कि 4 जून को काउंटिंगहो रही है, जिसमें हार जीत की तस्‍वीर देश और दुनियां के सामने आ जाएगी।चार जून को आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के फाइनल नतीजों से पहले शनिवार को एग्जिट पोल के परिणाम जारी कर दिए गए। मोटे तौर पर देखें, तो ज्यादातर एग्जिट पोल में एक बार फिर देश में एनडीए की सरकार बनती हुई नजर आ रही है। हालांकि, लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले पीएम ने एनडीए के लिए अबकी बार-400 पार का नारा दिया था, लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़े उनके दावे से थोड़े अलग हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को इस बार 350 से ज्यादा सीटों पर जीत मिलसकती है। वहीं, विपक्षी गठबंधन इंडिया करीब 150 सीटों पर सिमटता हुआ नजर आ रहा है।

साथियों बात अगर हम पीएम के तीसरे टर्म के 100 दिनों के एजेंडे की करें तो,पीएम 100 दिन के एजेंडे पर चर्चा की।इसको लेकर पीएम सभी स्‍टेकहोल्‍डर के साथ स्‍पेशल सेशन में न केवल चर्चा की, बल्कि इस दिशा में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा भी की। बता दें कि सत्‍ता में वापसी करने के बाद सरकार पहले 100 दिन के कार्यकाल में किन मुद्दों पर ध्‍यान फोकस करेगी, इसकी तैयारियों पर विशेष ध्‍यान दिया जा रहा है।पीएम इस पर खुद ब्रेनस्‍टॉर्मिंग सेशन किए इसमें विभिन्‍न विभागों के आलाधिकारी शामिल l।हुए इसके साथ ही हीट वेवकंडीशन और इससे लोगों को राहत दिलाने के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की, पीएम विश्‍व पर्यावरण दिवस को लेकर मनाए जाने वाले समारोहों की तैयारियों की भी समीक्षा की।चुनाव परिणाम आने के पहले ही जीत के प्रति आश्वस्त पीएम काम पर जुट गए हैं। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद दो दिन तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाने के बाद पीएम ने रविवार को सात अलग-अलग मुद्दों परअधिकारियों के साथ बैठक की। इनमें चक्रवात रेमल से पूर्वोत्तर भारत के हालात और पूरे देश में गर्मी के प्रकोप की समीक्षा शामिल है।इसके साथ ही उन्होंने मोदी 3.0 के लिए 100 दिन के रोडमैप के लिए तैयारियों की भी समीक्षा की।पूरे देश में पड़ रही भीषण गर्मी के प्रभावों और उससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री सभी अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर आग से बचाव के उपायों और बिजली उपकरणों की सुरक्षा मानकों पर आडिट का निर्देश दिया। ध्यान देने की बात है कि गर्मी के कारण कई स्थानों पर एसी व बिजली उपकरणों में बलास्ट की घटनाएं सामने आई है। इसके साथ ही पीएम जंगलों में आग रोकने के लिए लगातार नजररखने और वहां बायोमास के बेहतर इस्तेमाल की रणनीति तैयार करने को कहा। इस दौरान मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में गुजरात,मध्यप्रदेश और राजस्थान में गर्मी का प्रकोप जारी रह सकता है। वहीं मानसून के आगमन से इसमें राहत मिलने की उम्मीद है।मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस साल भारत में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। चक्रवात रेमल से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान को इससे प्रभावित इलाकों और जान-माल की हुई हानि की जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि मिजोरम,असम,मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में रेमल के कारण हुई वर्षा से आई बाढ़ और जमीन खिसकने के कारण कई घरों को नुकसान पहुंचा है और कई लोगों की जान भी गई है। इन इलाकों में एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी है।इसमें केंद्रीय गृहमंत्रालय संबंधित राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव सहायता उपलब्ध करा रहा है। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि इससे प्रभावित राज्यों में केंद्रीय सहायता में कमी नहीं आनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस की तैयारियों की भी समीक्षा की। चुनाव की घोषणा के पहले ही पीएम ने विभिन्न मंत्रालयों के अगली सरकार के 100 दिन के लिए कामकाज का रोडमैप तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। ढाई महीने लंबी चली चुनाव प्रक्रिया के बीच में सभी मंत्रालयों ने अपना अपना रोडमैप तैयार कर लिया है। पीएम ने इस रोडमैप पर अधिकारियों के साथ चर्चा की और उनमें जरूरी संशोधन का सुझाव भी दिया।

साथियों बात अगर हम वर्तमान नेतृत्व के तीसरे कार्यकाल में भारत के लिए महत्व रखने की करें तो,पीएम ने राजनीतिक संपत्ति में सबसे मूल्यवान चीज हासिल की है, उन्हें अधिकांश मतदाता अपने सर्वोत्तम हितों के अवतार और संरक्षक के रूप में देखते हैं। तीसरे कार्यकाल में, उनकी प्राथमिकताएँ आर्थिक विकास, शिक्षित युवाओं के बढ़ते समूह के लिए रोजगार और समावेशी विकास, विशेष रूप से महिलाओं के लिए, की त्रिमूर्ति के इर्द-गिर्द रहेंगी।सबसे महत्वपूर्ण है एक ऐसी अर्थव्यवस्था का प्रबंधन जो वैश्विक निवेशकों के लिए एक बेजोड़ रणनीतिक आकर्षण बनी हुई है। पिछले एक साल में, कई बड़ी कंपनियों ने एक ऐसे बाजार में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन निवेश की घोषणा की है जिसके बारे में उनका मानना ​​है कि अभी अभी इस बाजार से पैसे निकाले गए हैं। 1.4 बिलियन की आबादी के साथ, भारत दुनिया का एकमात्र बड़ा और अभी भी काफी हद तक अप्रयुक्त पूंजीवादी बाजार है। पीएम के विकास सिद्धांत में लिंग के लिए विशेष स्थान है। भारत में दक्षिण एशिया में काम करनेवाली महिलाओं का स्तर सबसे कम है। इसने नीति निर्माताओं और नियोक्ताओं दोनों को हैरान कर दिया है, क्योंकि सर्वेक्षणों से लगातार पता चलता है कि महिलाएँ घर की मुख्य वयस्क हैं (मूल्यों और पारिवारिक बजट के मामले में)। वर्तमान में कम 27प्रतिशत महिला कार्यबल भागीदारी को बढ़ाना, आसान काम की तरह प्रतीत होता है, प्राप्त करने योग्य और पुरस्कृत करने वाला। तमिलनाडु में एप्पल के प्लांट में, और उसी स्थान पर भारतीय राइड-शेयर कंपनी ओला के ईवी साइट पर, महिलाएँ या तो पूरी या अधिकांश कार्यबल बनाती हैं।भाजपा ने गिगइकॉनमी पर नए श्रम कानूनों का वादा किया है जो महिलाओं को लाभान्वित करेंगे। बिल गेट्स ने भारत को डिजिटल सरकार वाला बताया। घरेलू विदेश नीति प्रतिष्ठान के भीतर यह विचार है कि वैश्विक स्तर पर भारत का उदय इसकी तकनीक से गहराई से जुड़ा हुआ है, और उदाहरण के लिए, संभावित भागीदारों का विश्वास और समाजशास्त्र यह तय करने में एक महत्वपूर्ण कारक है कि भारत का डेटा कहाँ रखा जाना चाहिए। आज, भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (जैसे डिजिटल पहचान और भुगतान) के पीछे की तकनीक को उभरती अर्थव्यवस्थाओं सहित मित्र देशों को निर्यात किया जाता है, जहाँ भारत अपने वैश्विक दक्षिण नेतृत्व को चमका सकता है। पीएम भारतीय तकनीकी पेशेवरों और अमेरिका में बड़े पैमाने पर प्रवासी समुदाय को जीवित पुल कहते हैं। इन सॉफ्ट- और हार्ड-पावर लाभों ने तकनीक को भारतीय विदेश नीति का एक अनपेक्षित उपकरण बना दिया है जो आज एक भयावह दुनिया को आकार देने वाले महान मुद्दों पर आवाज़ उठाने के लिए आत्मविश्वास और दृढ़ता के साथ तर्क करता है।राज्य के बारे में पीएम का एक समय का सिद्धांत था न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन। आज, वे हाल के इतिहास में सबसे अधिक हस्तक्षेप करने वाले प्रधानमंत्री हैं। अर्थव्यवस्था में राज्य की भूमिका के बारे में मोदी का आकलन समान रूप से लागू करने वाले और सहयोगी की भूमिका में है। कई लोगों के लिए, विशेष रूप से व्यापारिक नेताओं के लिए, यह नीतिगत स्पष्टता और प्रणालीगत परिवर्तनों को प्राप्त करने के लिए एक स्वीकार्य समझौता है, जो भारत को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए आवश्यक है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि गज़ब का कॉन्फिडेंस- हैट्रिक की अनंत अनंत बधाईयां।18 वीं लोकसभा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिलाओं व युवाओं को,नेतृत्व निखारनें का भरपूर मौका मिलने की उम्मीद।केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रथम 100 दिनों के काम की प्राथमिकता सहित सात मीटिंग्स करना पीएम का अभूतपूर्व कामकाजी जज़्बा।

 

*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*

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