अराइजिंग लुधियाना लॉयर्स वेलफेयर सोसाइटी की चेतावनी, सूबा-सरकार बुड्ढा दरिया साफ करे, वर्ना सड़कों पर उतरेंगे
लुधियाना 2 जून। लोकसभा चुनाव निपट गया, लेकिन प्रदूषित बुड्ढा दरिया ठोस मुद्दा नहीं बन सका। जिसे लेकर कई दशक से राजनीति होती रही है। लुधियाना सीट से लोस चुनाव लड़े उम्मीदवारों की इस चुप्पी पर एक एनजीओ ने खुलकर रोष जताया। साथ ही राज्य सरकार पर संगीन इलजाम भी लगाए। इस एनजीओ यानि अराइजिंग लुधियाना लॉयर्स वेलफेयर सोसाइटी के मंच से सीनियर एडवोकेट बिक्रम सिंह सिद्धू ने यह मुद्दा उठाया। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पंजाब सरकार नहीं जागी तो इस मुद्दे को लेकर एनजीओ की अगुवाई में शहरी सड़कों पर उतरकर रोष मुजाहिरे करेंगे।
बुड्ढे दरिया से बढ़े कैंसर मरीज : एडवोकेट सिद्धू ने दावा किया कि प्रदूषित बुड्ढे दरिया की वजह से भी लुधियाना में कैंसर मरीज बढ़े हैं। यहां तकरीबन पांच हजार कैंसर रोगी होने का खुलासा बीते दिनों इस नामुराद बीमारी के खिलाफ मुहिम चलाने वाली संस्था ने किया था। उन्होंने दावा किया कि वर्ल्ड बैंक ने साल 2022 में 22 सौ करोड़ का फंड पंजाब सरकार को दिया था। सरकार ने उस फंड को बुड्ढे दरिया की सफाई में लगाने की बजाए दूसरे कामों में खर्च कर डाला। उसी फंड से हजारों निगम मुलाजिमों के वेतन दिए। खुद राज्य सरकार इतना तो मान चुकी है कि उसे केंद्र से 1000-1200 करोड़ रुपये मिले थे। जिसे बुड्ढे दरिया की सफाई में लगाया जा रहा है। जबकि जमीनी-हकीकत यह है कि सफाई के नाम पर केवल आई-वॉश किया गया।
पिछली सरकारों-बीजेपी उम्मीदवार को भी घेरा : बीजेपी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके एडवोकेट सिद्धू ने बेबाकी से कहा कि पिछले बीस-पच्चीस सालों में पंजाब की सत्ता में रहे राजनीतिक दलों ने प्रदूषित बुड्ढा दरिया साफ करने में ईमानदारी नहीं दिखाई। अपरोक्ष रुप से भाजपा को भी जवाबदेह बनाते हुए बोले कि इस लोस चुनाव में किसी भी उम्मीदवार ने मजबूती से यह मुद्दा नहीं उठाया। उन्होंने दावा किया कि बुड्ढे दरिया के जहरीले पानी से लोग कैंसर रोगी बन रहे हैं। साथ ही लोगों के शरीर में डिसऑर्डर की अन्य शिकायतें भी सामने आ रही है।
सरकार जल्द उठाए कदम, वर्ना…। एडवोकेट सिद्धू ने पंजाब की आप सरकार से मुखातिब होते वॉर्निंग दी कि जल्द इस मामले में ठोस कदम उठाए जाएं। वर्ना उनका एनजीओ शहरियों को साथ लेकर सड़कों पर उतरेगी। ताकि सरकार को जनता की ताकत के बल पर इस नेक काम को करने के लिए मजबूर किया जा सके।
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